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________________ देते हैं। अतः हाथ को देखते समय नाखूनों का अध्ययन भी बहुत आवश्यक है। नाखूनों का अध्ययन उनके रंग, रूप, लम्बाई, मोटाई, आकार और अन्य बनावट के विषय में सूक्ष्म रूप से कर लेना चाहिए। इस लक्षण से हमें कई विशेष जानकारियां मिलती हैं। प्रत्येक नाखून अपना विशेष महत्त्व रखता है। ग्रह या उंगली के लक्षण देखते समय नाखून का लक्षण भी उससे मिलाना आवश्यक हो जाता है। नाखूनों के रंग श्वेत नाखून व्यक्ति में स्नायु-दोष का लक्षण है। इनका रक्त चाप कम होता है । इन्हें सिर दर्द रहता है। यदि सिर के पिछले भाग में लगातार दर्द रहता हो तो ऐसे व्यक्तियों को लकवा होने का डर रहता है। स्नायु विकार होने के समय नाखूनों का रंग बिल्कुल सफेद हो जाता है। कई बार इस प्रकार का रंग व्यक्ति में किसी दूसरी आत्मा का प्रभाव होने पर भी देखा जाता है, इनको नींद कम आती है और घबराते अधिक हैं। हृदय रोग होने पर नाखूनों का रंग सफेद होता है। बीमारी की अवस्था में खून की कमी होने पर नाखून पतले हो जाते हैं और दबाने पर दब जाते हैं। हृदय रोग से ग्रस्त व्यक्ति के नाखून ऊबड़-खाबड़ तथा प्रेत-बाधा या अल्प-निद्रा रोग में ये केवल सफेद होते हैं। आकार में विकार नहीं आता । चलने-फिरने से हृदय में पीड़ा का अनुभव करने वालों के नाखून हल्के सफेद होते हैं। इस रोग को एन्जायना कहते हैं। हृदय में छेद होने पर नाखून बीच में से ऊंचा हो जाता है। नाखून का रंग लाल होने पर व्यक्ति क्रोधी होता है। इनके शरीर में पित्त का प्रभाव अधिक होता है। इनको कोई आदत नहीं डालनी चाहिए अन्यथा ये उसके आदी हो जाते हैं और छोड़ने में कठिनाई होती है। इन्हें खट्टी वस्तुएं नहीं खानी चाहिए। अधिक गरम पेय पदार्थ भी इनके स्वास्थ्य को हानि पहुंचाते हैं। लाल नाखून वाले व्यक्ति क्रोधी होते हैं। साथ में अन्य क्रोध के लक्षण होने पर ये विशेष क्रोधी पाये जाते हैं। अधिक धूम्रपान करने वालों के नाखून धुएं जैसे हो जाते हैं। यह रक्त में निकोटीन बढ़ जाने का लक्षण होता हैं। ऐसे लक्षण का प्रभाव हृदय पर पड़ता है। इनको धूम्रपान कम कर देना चाहिए या बन्द कर देना चाहिए अन्यथा शरीर में कई रोग घर कर लेते हैं। लम्बे नाखून ऐसे व्यक्ति सीधे-सादे तथा भावुक होते हैं, इन्हें किसी भी विषय में तीव्र रूचि नहीं होती है। शरीर के अनुपात से लम्बे होने पर ऐसे व्यक्तियों की कमर में दर्द रहता 63 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001758
Book TitleVruhad Hast Rekha Shastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajesh Anand
PublisherGold Books Delhi
Publication Year
Total Pages274
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Jyotish, L000, & L025
File Size16 MB
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