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________________ कराग्रे वसते लक्ष्मी कर मध्ये सरस्वती। कर पृष्ठे स्थितो ब्रह्मा प्रभाते कर दर्शनम्।।। हाथ का महत्व इन दो पंक्तियों से स्पष्ट हो जाता है, अर्थात हमारा हाथ हमारी कार्यशक्ति का स्त्रोत ही नहीं बल्कि इसमें देवताओं का निवास भी है। मनुष्य के हाथ की रेखायें उसके भूत, वर्तमान एवं भविष्य का दर्पण होती हैं तथा उसकी मानसिक व शारीरिक दशा का विश्लेषण करती हैं। हाथ पर पाई जाने वाली हर छोटी-बड़ी रेखा का अपने आप में बड़ा महत्व है। आप स्वयं सरलता से रेखाओं के महत्व को समझ कर प्रत्येक के भविष्य की सही गणना कर सकते हैं। हमें विश्वास है कि इस पुस्तक की सहायता से आप हस्त रेखा ज्ञान प्राप्त कर यश और धन कमा सकते हैं। गोड बक्स इन्डिया 4537, दाई वाड़ा, नई सड़क, दिल्ली-110006 मध्यमा अनामिका तर्जनी कनिष्ठा अंगूठा हृदय रेखा -प्रणय रेखा मस्तिष्क रेखा सूर्य रेखा बुध रेखा मंगल रेखा जीवन रेखा शनि रेखा Jain Education International Forsrivate & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001758
Book TitleVruhad Hast Rekha Shastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajesh Anand
PublisherGold Books Delhi
Publication Year
Total Pages274
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Jyotish, L000, & L025
File Size16 MB
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