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नरम होने पर इन्हें इतना संघर्ष नहीं करना पड़ता, जितना कि कठोर होने पर करना पड़ता है। अतः भली-भांति परीक्षण करके ऐसे हाथ का फलादेश करना चाहिए।
नौकाकार हाथ
नौकाकार हाथ में उंगलियां पूरी न खुलकर नाव जैसी आकृति बनाती हैं और यह हाथ कठोर होता है। अंगूठा कम खुलता है और मस्तिष्क रेखा में दोष होता है। ऐसे व्यक्ति विश्वास अधिक करते हैं तथा विश्वास में हानि उठाते हैं। ये सीधे, सरल, स्पष्टवक्ता तथा दानी होते हैं, परन्तु यदि कोई इनसे मांगे तो इन्हें बुरा लगता है। कितनी भी कठिन परिस्थिति होने पर इन्हें झूठ बोलना पसन्द नहीं होता। ये व्यवहार कुशल होते हैं और लोगों को अपना बनाने में चतुर होते हैं। ऐसे व्यक्ति दूसरों की बात का अनुमोदन करके भी उनका विरोध करते हैं, अर्थात् विरोध करते समय अपने विचार सलाह के रूप में रखते हैं। ऐसे व्यक्ति शीघ्र ही अपनी स्थिति ठीक कर लेते हैं। धन कमाने के विषय में इनकी रूचि अधिक होती है, अतः इस कार्य में शीघ्रता करते हैं, फलस्वरूप सट्टा, जुआ आदि कार्यों में पड़ जाते हैं और हानि उठाते हैं। वास्तव में ऐसे व्यक्तियों को जुआ व सट्टा आदि कार्य नहीं करना चाहिए अन्यथा सब ढेर हो जाता है।
व्यापार में जाने पर ऐसे व्यक्ति धनी होते हैं, परन्तु ये जोखिम उठाना पसन्द नहीं करते। लम्बी मस्तिष्क रेखा होने पर निश्चित ही ऐसा कहा जा सकता है। ऐसे व्यक्तियों का स्वभाव कठोर होता है। परन्तु खुलकर विरोध नहीं करते। हां, घर में पत्नी अथवा बच्चों की आलोचना करते हैं। ऐसे व्यक्तियों की पत्नियों को मस्तिष्क रोग, गर्भपात, मासिक धर्म के रोग होते हैं तथा पहली सन्तान के जन्म के समय कोई न कोई कठिनाई आती है। ऐसे व्यक्तियों के सम्बन्धी अच्छे नहीं मिलते।
ऐसे व्यक्तियों की लड़की को विवाह के बाद ससुराल में मानसिक अशान्ति रहती है। हाथ में दोष होने पर तलाक तक बात पहुंच जाती है। ऐसे व्यक्तियों में पेट खराब होना, आंख में रोग होना या गठिया, गुर्दे अथवा मूत्र सम्बन्धी कोई न कोई रोग अवश्य पाया जाता है। ऐसे व्यक्तियों की रूचि अचानक धन प्राप्ति की ओर अधिक होती है। अतः इन्हें इस सम्बन्ध में विशेष धैर्य से काम लेने की सलाह देनी चाहिए अन्यथा जीवन में कई बार कष्ट उपस्थित होते हैं। धन मिल जाने पर ऐसे व्यक्ति आसमान में उड़ते हैं।
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