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________________ ऐसे व्यक्तियों को धुम्रपान, शराब या कोई न कोई शौक अवश्य पाया जाता है, जिसे ये प्रेरणा-स्रोत कहते हैं। दस्तकार व्यक्तियों के हाथ में भी ऐसे ही चिन्ह होते हैं। इस दशा में मंगल प्रधान होता है। मंगल प्रधान होना व्यक्ति की कलात्मकता में क्रियात्मकता का समावेश करता है। मंगल व चन्द्र उन्नत होने पर ऐसे व्यक्ति की सन्तान योग्य होती हैं। इनके स्वयं तथा सन्तान के अध्ययन काल में रुचि न होने के कारण रुकावट आती है। अधिकतर ऐसे व्यक्तियों के हाथ कोमल ही देखे जाते हैं। ये शरीर के भी कोमल होते हैं और स्वभाव के भी। किसी बात को ये बहुत अधिक महसूस करते हैं तथा जरा-सी बात को लेकर सम्बंध बिगड़ने तक की नौबत पहुंच जाती है। तो भी ऐसे व्यक्ति समय पड़ने पर परिवार वालों की सहायता करते हैं। इनके जीवन में स्थिरता देर से आती है तथा जीवन का कुछ समय ऐसे व्यक्तियों को इधरउधर घूमकर बिताना पड़ता है। बहुत अधिक परेशान होने के पश्चात् ही यह अपने कार्य में सफल हो पाते हैं और संघर्षपूर्ण के जीवन बिताते हैं । कौणिक हाथ कौणिक हाथ में उंगलियां अंगूठे की ओर झुकी होती हैं, अर्थात उंगलियों का स्वाभाविक झुकाव अंगूठे की ओर होता है। इस हाथ में बृहस्पति विशेष प्रधान होता है और बृहस्पति की उंगली लम्बी होती है। ग्रहों में शुक्र अधिक उन्नत दिखाई देता है, परन्तु वास्तव में शुक्र का उठा होना इसकी कोई विशेष पहचान नहीं है। इस हाथ की बनावट चमसाकार, समकोण या आदर्शवादी किसी भी प्रकार की हो सकती है, परन्तु उंगलियों का झुकाव बृहस्पति की ओर होने पर हम इसे कौणिक ही कहते हैं। कई बार इस प्रकार के हाथ पीछे से भारी और आगे से पतले देखे जाते हैं। ऐसे व्यक्ति बुद्धिवादी होते हैं । उत्तम बुद्धि होने के नाते अवसर परख कर काम करते हैं, अत: बहुत ही उन्नति करते हैं। हाथ जितना ही भारी होता है, इनका बौद्धिक व आर्थिक स्तर उतना ही अधिक ऊंचा पाया जाता है। हाथ पतला होने पर ऐसे व्यक्ति गलत कार्य करने वाले व कठोर होने पर अक्खड़ होते हैं। हाथ कैसा भी हो, ये धनी अवश्य होते हैं। ऐसे हाथ कोमल होने पर ये बहुत ही चतुर होते हैं और इनके पूर्वज व अगली पीढ़ियां बुद्धिजीवी होती हैं। ऐसे व्यक्ति अपने परिवार में विशेष बौद्धिकता का विकास करते हैं और अपने वंश का नाम ऊंचा करते हैं। हाथ में रेखाएं कम या जीवन रेखा से मस्तिष्क रेखा अलग होने पर ये बुद्धिमान तो होते हैं, परन्तु जल्दबाज होते हैं। ऐसे व्यक्ति बड़े उद्योग स्थापित करते हैं। ये उद्योग साझेदारी में ही होते हैं। कौणिक हाथ में साझीदार बराबर काम करने वाला होता है। कौणिक हाथ कठोर होने 24 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001758
Book TitleVruhad Hast Rekha Shastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajesh Anand
PublisherGold Books Delhi
Publication Year
Total Pages274
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Jyotish, L000, & L025
File Size16 MB
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