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________________ के विषय में ये बहुत ही अधिक सतर्क होते हैं। ये अपने से छोटे सदस्यों पर नियन्त्रण रखते हैं। अपनी बहन को घर से नहीं निकलने देते, छोटी-छोटी बात पर टोकते हैं और समाज व व्यवहार के विषय में सावधान रहने की चेतावनी देते रहते हैं। ये स्वयं भी इसी प्रकार के होते हैं। कहने के पश्चात् ही इनका कार्य क्षेत्र समाप्त नहीं हो जाता, उस पर लगातार निगाह भी रखते हैं। ऐसे व्यक्तियों को क्रोध अधिक आता है, परन्तु मस्तिष्क रेखा लम्बी नहीं होने की दशा में प्रगट नहीं करते। स्त्री होने पर उपरोक्त लक्षण तो पाये ही जाते हैं। ऐसी स्त्रियां घबराती बहुत हैं। मायके में पति के विषय में और ससुराल में माता-पिता या भाई-बहन के विषय में लगातार चिन्ता करती रहती हैं। शान्ति न इधर मिलती है, न उधर। ऐसी स्त्रियां समझदार, घर चलाने वाली, पैसा बचाने वाली व गृहलक्ष्मी होती हैं। किसी भी प्रकार की आदत ऐसी स्त्रियों में नहीं होती। हो सकता है कि कुछ समय तक भाग्य रेखा मोटी होने के कारण ससुराल की अपेक्षा माता-पिता को अधिक महत्व दें, परन्तु अन्त में विश्वास पात्र तथा उत्तरदायी होती हैं। ऐसी स्त्रियों को छोटी-छोटी बातें भी चुभती हैं और जरा सी बात पर रो देना इनकी आदत होती है। बुध की उंगली तिरछी होने पर ये हंसमुख होती हैं, परन्तु मस्तिष्क रेखा या हृदय रेखा दोषपूर्ण होने पर ये केवल स्वयं ही मजाक करती हैं, दूसरों के मजाक करने पर बखेड़ा खड़ा कर देती हैं। मस्तिष्क रेखा छोटी अर्थात् सूर्य की उंगली तक होने पर, शुक्र कम उन्नत, भाग्य रेखाएं अनेक, उंगलियां सीधी व सामान्य लम्बी होने पर व्यक्ति गणमान्य होते हैं। जिस समाज या वंश में ये जन्म लेते हैं, इनका महत्वपूर्ण प्रभाव होता है। ऐसे व्यक्ति राजनीतिज्ञ होते हैं। वैसे तो सभी गुण इनमें होते हैं परन्तु किसी विशेष गुण के लिए विख्यात होते हैं। हृदय और मस्तिष्क रेखा पास-पास होने पर इनके परिवार में सभी व्यक्ति चालाक व अपने ही कार्य में संलग्न होते हैं। एक हाथ में इसका अन्तर अधिक होने पर आधे व्यक्ति उदार व आधे चालाक देखे जाते हैं। यही दशा स्त्रियों की होती है। बोलने में थोड़ी तेज देखी जाती हैं और आभूषण व सम्पत्ति पर अधिक विश्वास होता है। ऐसे व्यक्तियों की पत्नी शरीर से भारी हो जाती हैं। हृदय व मस्तिष्क रेखा अधिक पास होने पर सन्तान प्रखर बुद्धि होती हैं। छोटी आयु में ही इन्हें अपने पराये का ज्ञान हो जाता है अतः आपस में झगड़े होते हैं। इनकी स्मृति उत्तम होती है। ऐसे बच्चे विज्ञान या किसी विशेष विषय का अध्ययन करते हैं। लगन अधिक होती है और जल्दबाज होते हैं, कोई कार्य करने की बात मस्तिष्क में आने पर या किसी चीज की आवश्यकता महसूस होने पर बेचैम हो उठते हैं और 238 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001758
Book TitleVruhad Hast Rekha Shastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajesh Anand
PublisherGold Books Delhi
Publication Year
Total Pages274
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Jyotish, L000, & L025
File Size16 MB
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