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________________ होते देखा जाता है। अधिक दोष होने पर ऐसे व्यक्ति अपने जीवन साथी की जान भी ले लेते हैं। हाथ काला होने पर तो पिशाचत्व में कुछ भी शेष नहीं रहता। ऐसे व्यक्तियों को कोई भी बात अधिक महसूस होती है अतः वंश न चलने, बदनाम होने या अधिक महसूस होने पर घर छोड़कर भाग जाते हैं या आत्महत्या कर लेते हैं। मस्तिष्क रेखा को छूने पर हत्यारे होते हैं और जीवन में कई-कई हत्याएं कर देते हैं। ऐसे व्यक्ति से झगड़ा श्रेयष्कर नहीं होता। क्रोध के समय इनके सामने बोलना या इनकी बात काटना मुसीबत को दावत देना है। ठण्डा होने पर इन्हें कुछ भी कहा जा सकता है। उस समय ये किसी बात को पूर्ण सहानुभूति व ध्यान से सुनते व अच्छा आचरण करते हैं। बुध की उंगली का नाखून चौकोर, बृहस्पति के दोनों नाखूनों में अन्तर, मस्तिष्क रेखा की शाखा, हृदय रेखा पर या हृदय रेखा की ओर या मस्तिष्क रेखा दोनों ओर से द्विभाजित होने पर ऐसे व्यक्ति उत्तम कोटि के वैज्ञानिक, पत्रकार, इंजीनियर आदि होते हैं। ये शोध करते हैं। अन्य उत्तम लक्षण जैसे हाथ भारी व गुलाबी, सूर्य रेखा, बृहस्पति रेखा या शनि की उंगली लम्बी होने पर ये देश के गणमान्य एवं सम्मानित व्यक्ति होते हैं। इनकी लगनशीलता से देश धन्य होता है। ऐसे व्यक्तियों का मस्तिष्क सदैव एक ओर ही काम करता है। अतः सड़क पर चलते समय ये कई दुर्घटना से बचते हैं। इनका नियोजन अपनी ही तरह का होता है। ये जीवन को जैसा बनाना चाहते हैं, बनाकर छोड़ते हैं, भाग्यवादी नहीं होते। अधिक सन्तान का भार भी ये सहन नहीं कर सकते, इच्छानुसार दो या तीन सन्तान होने पर आपरेशन करा लेते हैं या गर्भपात करा देते हैं। ऐसी स्त्रियां भी अधिक बच्चे पैदा करना पसन्द नहीं करती। __हाथ गुलाबी व भाग्य रेखा पतली हो तो ये चरित्रवान होते हैं व कोई भी दोषपूर्ण आदत, यदि वंश के अनुसार नहीं हो तो इनमें नहीं पाई जाती। ऐसे व्यक्ति स्वतन्त्र मस्तिष्क के होते हैं और जाति, समाज, परिवार, पत्नी, माता, पिता किसी की परवाह नहीं करते। कोई भी बात जो इनके मस्तिष्क में ठीक जंचती है, किसी भी परिस्थति में उस पर अड़ जाते हैं। स्पष्ट वक्ता होने के कारण ऐसे व्यक्तियों का विरोध होता है। किसी से सहायता की इच्छा नहीं करते हैं और न ही मांगते हैं फलस्वरूप पूर्णतया स्वनिर्मित होते हैं। अपने पुरुषार्थ से ही जीवन में अच्छी उन्नति करते हैं। ऐसे व्यक्ति का रिश्तेदारों, परिवार वालों, जाति वालों से, व राजनीति में होने पर पार्टी वालों से मतभेद रहता है। भाग्य रेखा पतली, हाथ नरम व अंगूठा अधिक खुलने पर, खुल कर विरोध तो नहीं करते परन्तु अपने मन में लम्बे समय तक बातें रखते हैं। 230 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001758
Book TitleVruhad Hast Rekha Shastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajesh Anand
PublisherGold Books Delhi
Publication Year
Total Pages274
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Jyotish, L000, & L025
File Size16 MB
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