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हृदय रेखा स्वयं मुड़कर या उसकी कोई शाखा मंगल या शुक्र पर जाती हो तो ससुराल में किसी व्यक्ति से जोरदार झगड़ा होता है (चित्र-158) कभी-कभी मुकद्दमे की नौबत भी आती है। ससुराल से हमारा तात्पर्य सास, ससुर, साला, मामा आदि से है। ऐसे व्यक्ति, इन सम्बन्धियों को कम प्रेम करते हैं और उनके यहां आना-जाना भी कम होता है। भाग्य रेखा, हृदय रेखा पर मिलने की दशा में अन्य लक्षणों के समन्वय से जो फलादेश होते हैं वे यथा स्थान बता दिये गये हैं। यहां इतना ही कहा जा सकता है कि किसी भी आयु में दोषपूर्ण फल का जितना अनुमान होता है, इस लक्षण की उपस्थिति में अनेक गुना वृद्धि कर देती है।
चित्र-158
रोमांचित हृदय रेखा।
रोमांच ऊपर की ओर
हृदय रेखा से छोटे-छोटे रोमांच (छोटी व महीन रेखाएं) निकल कर सूर्य या बृहस्पति अर्थात् ऊपर की ओर जाती हों तो व्यक्ति भाग्यशाली, महत्वाकांक्षी एवं गुण-सम्पन्न होता है। हाथ जितना उत्तम कोटि का होता है, उनका प्रभाव उतना ही अधिक पाया जाता है। ऐसे व्यक्तियों की सब इच्छाएं पूरी होती हैं। ये सन्तान या शिष्यों के कारण विशेष ख्याति प्राप्त करते हैं और अन्तिम जीवन सुख शान्ति से बीतता है।
रोमांच नीचे की ओर
हृदय रेखा से छोटी रेखाएं निकलकर मस्तिष्क रेखा की ओर जाती हों तो ऐसी हृदय रेखा रोमांचित हृदय रेखा कहलाती हैं (चित्र-159)। ऐसी रेखाओं की लम्बाई 1/8 इन्च से अधिक नहीं होनी चाहिए। कई बार बाहर से आने वाली रेखाएं भी रोमांच जैसी लगती हैं। इस प्रकार की रेखाएं या तो मिलने के स्थान पर पतली होती हैं या इनकी मोटाई एक जैसी होती हैं जबकि रोमांच निकास के स्थान पर मोटे और अन्त में पतले होते हैं।
ऐसे व्यक्ति भावुक व प्रेमी होते हैं। स्त्रियों के हाथों में यह लक्षण अतिशय भावुकता
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