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________________ प्रबल इच्छा होती है अन्यथा इस विषय में सोचते अवश्य हैं। इस प्रकार की मस्तिष्क रेखा दायें हाथ में हो तो इनकी सन्तान और बायें हाथ में होने पर स्वयं लेखक अथवा पत्रकार होते हैं। लम्बी मस्तिष्क रेखा मस्तिष्क रेखा की सही लम्बाई बुध की उंगली के आरम्भ तक है। यहां से आगे मस्तिष्क रेखा लम्बी मानी जाती है (चित्र - 76 ) । मस्तिष्क रेखा बुध वाले मंगल के मध्य या उसके नीचे की ओर उतर जाए अथवा चन्द्रमा के मध्य या नीचे मणिबन्ध के समीप तक पहुंचे तो लम्बी कही जाती है। निर्दोष होने पर तो यह उत्तम होती है, परन्तु दोषपूर्ण होने पर ठीक नहीं मानी जाती है। चित्र - 76 अधिक लम्बी मस्तिष्क रेखा की दशा में अधिक विचार करने की आदत होती है परन्तु इनका चिन्तन व्यर्थ न होकर किसी विषय को लेकर ही होता है। ये बहुत लम्बे भविष्य की बातें सोचा करते हैं। मस्तिष्क रेखा में दोष होने पर व्यक्ति वहमी हो जाता है। हां! नहीं! होगा ! या नहीं होगा ? ऐसे प्रश्नों को सुलझाने में ही बहुत समय निकल जाता है। शुक्र भी उठा हो तो वहम की सीमा बढ़ जाती है। अधिक मस्तिष्क लम्बी रेखा होने पर यदि चन्द्रमा और शुक्र दोनों उन्नत हों तो वहम की सीमा पागलपन तक पहुंच जाती है। मस्तिष्क रेखा निर्दोष होने पर ऐसे व्यक्ति बहादुर होते हैं, परिस्थितियों का मुकाबला हिम्मत से करते हैं, घबराते नहीं हैं। इन्हें अपनी आदत पर नियन्त्रण होता है, जैसा चाहते हैं, वैसा ही जीवन यापन करते हैं, परन्तु एक बार पक जाने आदत होने पर बदलने में कठिनाई होती है। ये नियम व कानून के अनुसार कार्य करते हैं। इन्हें किसी भी कार्य के लिए कठिनाई से ही सहमत किया जा सकता है और सहमत होने पर किसी भी प्रकार की शंका इनके मस्तिष्क में नहीं रहती। ऐसे व्यक्ति बड़ी-बड़ी Jain Education International 155 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001758
Book TitleVruhad Hast Rekha Shastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajesh Anand
PublisherGold Books Delhi
Publication Year
Total Pages274
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Jyotish, L000, & L025
File Size16 MB
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