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________________ को कम महसूस करते हैं जब कि नरम हाथ वाले स्वास्थ्य के दोषों को अधिक महसूस करते हैं। अधूरी जीवन रेखा होने पर यदि मस्तिष्क रेखा निर्दोष हो तो शरीर बहुत भारी हो जाता है। कभी-कभी छाती में दर्द रहता है। इनके परिवार तथा रिश्तेदारों में भी ऐसा पाया जाता है। ऐसे व्यक्ति का शरीर बेडौल हो जाता है व आयु का प्रभाव वासनात्मक प्रवृत्ति, यौन रोग जैसे, शीघ्रपतन या धातु जाना, ऐसे रोग भी पाये जाते हैं। इनकी जीवन साथी का भी स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता। हाथ यदि चौड़ा, भारी या सख्त हो तो ऐसे व्यक्तियों को सेना या पुलिस में काम करने का अवसर मिलता है। यदि विशेष भाग्य रेखा हाथ में हो तो फौज में किसी ऊंचे पद पर कार्य करने वाला होता है। यह बात विशेषतया बताने की है कि ऐसे व्यक्ति गोली लगने से बचते हैं। मस्तिष्क रेखा या भाग्य रेखा दोषपूर्ण हो तो अधरी जीवन रेखा होने की दशा में ये गोली का शिकार होकर शहीद होते हैं। इनके वंश में भी पहले कोई न कोई किसी अस्त्र-शस्त्र से मृत्यु को प्राप्त होता है। ऐसे व्यक्ति सर्वप्रिय होते हैं, परन्तु इन्हें जीवन भर कुछ न कुछ अशान्ति बनी रहती है। ये कई बार अपना निवास स्थान बदलते हैं। इनका कारोबार कुछ समय तक ठीक तथा कुछ समय तक रूक-रूक कर चलता है। मां का स्वास्थ्य नरम तथा स्वभाव चिड़चिड़ा होता है। मां के अपने जीवन में भी कोई न कोई अशान्ति रहती है। चाहे पिता के स्वभाव अथवा स्वास्थ्य के विषय में ही क्यों न हो। ऐसी जीवन रेखा मां, बाप, स्वयं तथा पत्नी का ऑपरेशन करा देती है। इन्हें परिवार के लिए त्याग करना पड़ता है, परन्तु इसका श्रेय इन्हें नहीं मिलता। इस कारण भी इनमें अशान्ति तथा पश्चाताप बना रहता है। ऐसे व्यक्तियों को नौकरी अवश्य करनी पड़ती है। नौकरी में भी ये सन्तुष्ट नहीं रह पाते। अपने स्वभाव के कारण किसी से बिगाड़, काम अधिक व अनचाही जगह पर स्थानान्तरण आदि कोई न कोई कारण इनकी नौकरी में असन्तुष्टि का बना रहता ऐसे व्यक्तियों को जेल का डर भी बना रहता है। ससुराल वालों से भी, ऐसे व्यक्तियों की नहीं बनती। सास या साली से भी मानसिक शान्ति, स्वास्थ्य या अन्य कारण से नहीं बनती। ऐसे व्यक्तियों के परिवार में बच्चों विशेषतया लड़कों की कमी रहती है। यदि सन्तान न हो तो इनके स्वयं के वीर्य में तथा स्त्री होने पर इनके गर्भाशय में दोष रहता है। भाग्य रेखा गहरी होने पर सन्तान का कष्ट अवश्य देखा जाता है। अधूरी जीवन रेखा की दशा में वीर्य में अम्ल का प्रभाव भी रहता है। इनके बच्चे स्वास्थ्य की दृष्टि से कमजोर होते हैं। 118 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001758
Book TitleVruhad Hast Rekha Shastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajesh Anand
PublisherGold Books Delhi
Publication Year
Total Pages274
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Jyotish, L000, & L025
File Size16 MB
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