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________________ धारण विधि : पुखराज ५ रत्ती का सोने की अंगूठी में जड़वा लेना चाहिए। गुरुवार के दिन केले के वृक्ष का पूजन करें, पूजन करते समय अंगूठी को वृक्ष की जड़ में रख देना चाहिए, पूजा समाप्ति पर अगूठी को केले के वृक्ष से स्पर्श कर रिंग-फिंगर में पहन लेना चाहिये पुखराज को स्त्रो, पुरुष कोई भी पहन सकता है। वैसे तो पुखराज धनु और मीन राशि के लिये हैं परन्तु इसे कोई भी धारण कर सकता है। इसके धारण करने से घर बैठे रिश्ते आने लगते हैं। वैवाहिक कठिनाई शीघ्र ही हल हो जाती है । यह अनुभव सिद्ध प्रयोग है। आयुर्वेद में पुखराज : पुखराज को गुलाब जल और केवड़ा के जल में पच्चीस दिन तक घोटना चाहिये, जब काजल की भाँति घुट जाये तब उसे छाया में सुखाकर रख लें। यह पुखराज पिस्टी तैयार हो गयी। पुखराज की भस्मी भी बनाई जाती है। पुखराज की भस्म या पिस्टी, पीलिया, आंवधात, कफ, खांसी, श्वांस, नक्सीर आदि अनेक रोगों में दी जाती है। * पुखराज का मूल्य प्रति रत्ती * स्पेशल क्वालिटी I क्वालिटी II क्वालिटी II क्वालिटी १५० से ३०० ८५ से १०५ ६५ मे ८० ३५ से ५५ हमारे यहां पुखराज की पिस्टी और भस्मी भी उपलब्ध है तथा पुखराज की माला भी मिल सकती है। अधिक जानकारी हेतु मिलें योगीराज मूलचन्द खत्री शिव रत्न केन्द्र [रजि०] सन्तल सराय, ऊपरी मञ्जिल, गऊघाट हरिद्वार रत्न ज्ञान - - Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org .
SR No.001754
Book TitleRatnagyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYogiraj Mulchand Khatri
PublisherShiv Ratna Kendra Haridwar
Publication Year
Total Pages90
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Science
File Size6 MB
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