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★ रत्न उपरत्न और नग नगीना ज्ञान ★
परीक्षा
१. असली मूँगे को खून में डाल दिया जाए तो उसके चारों ओर गाढ़ा रक्त जमा होने लगता है ।
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२. असली मूँगा यदि गौ के दूध में डाल दिया जाए तो उसमें लाल रंग की झाई सी दीखने लगती है ।
श्रेष्ठ जाति का मूँगा धारण करने से भूमि, पुत्र एवं भ्रातृ सुख, नीरोगता आदि की प्राप्ति होती है। इसके अतिरिक्त रक्त विकार, भूत-प्रेत बाधा, दुर्बलता, मन्दाग्नि, हृदय रोग, वायु-कफादि विकार, पेट विकारादि में मूँगे की भस्म अथवा मिट्टी का प्रयोग किया जाता है । मेष, कर्क, सिंह, तुला, वृश्चिक, मकर, कुम्भ व मीन राशि एवं लग्न वालों को सुयोग्य ज्योतिषी के परामर्शानुसार धारण करना लाभप्रद होगा ।
धारण विधि - शुक्ल पक्ष के मंगलवार को प्रातः मंगल की होरा में मृगशिरा, चित्रा या धनिष्ठा नक्षत्र में सोने या तांबे के अंगूठी में जड़वाकर, बीज मन्त्र द्वारा अभिमन्त्रित करके अनामिका अंगुली में ६, ८, १० या १२ रत्ती के वजन में धारण करना कल्याणकर होता है। धारणोपरान्त मंगल स्तोत्र एवं मंगल ग्रह का दान करना शुभ होता है ।
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भौम बीज मन्त्र - ॐ क्रां क्रीं, क्रौं सः भौमाय नमः । शारीरिक स्वास्थ्य एवं कुण्डली में मंगल नीच राशिस्थ हो तो सफेद मूँगा भी धारण किया जाता है ।
बुध-रत्न पन्ना (Emerald)
'पन्ना' बुध ग्रह का मुख्य रत्न है । संस्कृत में मरकतमणि, फारसी में जमरूद व अंग्रेजी में इमराल्ड (Emerald) । पन्ना रत्न हरे रंग, स्वच्छ, पारदर्शी, कोमल, चिकना व चमकदार होता है ।
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परीक्षा
१. शीशे के गिलास में साफ पानी और पन्ना डाल दिया जाए तो हरी किरणें निकलती दिखाई देंगी।
२. शुद्ध पन्ने को हाथ में लेने पर वह हल्का, कोमल व आँखों को
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