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________________ ★ रत्न उपरत्न और नग नगीना ज्ञान ★ ४७. उत्तम क्वालिटी के उपरत्न भी महँगे होते हैं । ४८. जीरकान या अमेरिकन डायमण्ड महँगे होते हैं । ४९. सुनैला असली विश्व बाजार में केवल ५० प्रतिशत ही मिलता है । कारण कि प्राकृतिक तौर पर भी ये कम ही प्राप्त होते हैं । अतः कटैले को ही विशेष तापमान द्वारा सुनैला में परिवर्तन कर देते हैं । ५०. मोती अपनी चमक नहीं खोता या कठोर होता है यह सर्वथा गलत है। बल्कि मोती में आसानी से खरोंच आ सकती है । ये टूट भी सकते हैं। पसीने से भी खराब हो जाते हैं। तथा कभी-कभी मोती भुरभुरा कर चूर-चूर हो जाते हैं। १५१ रत्नों की पहचान विश्व में पाये जाने वाले समस्त प्रकार के रत्नों में रंगों का फिंगर प्रिन्ट होता है । इसे शोषक स्पेक्ट्रम कहा जाता है। यह फिंगर प्रिन्ट अलग-अलग रत्नों में अलग-अलग प्रकार का होता है तथा रत्न की पहचान का आधार बनाता है। इसे आँखों से स्पष्ट नहीं देखा जा सकता । अतः रत्न विशेषज्ञ इसे स्पेक्ट्रोस्कोप द्वारा देखते हैं । यह यन्त्र रत्न से निकलने वाली किरणों को इसके रंगों के स्पेक्ट्रम में विभाजित कर देता है । यह प्रत्येक रत्न में भिन्नभिन्न प्रकार का होने के कारण रत्न की पहचान करने में सुविधा हो जाती है । कुछ रत्न ऐसे भी होते हैं जो कृत्रिम प्रकाश के प्रभाव से अपना असली रंग और चमक बदल देते हैं। उदाहरणार्थ पुखराज सूर्य की रोशनी में जितनी चमक देगा उतनी बिजली की रोशनी में नहीं । लेकिन माणिक और पन्ना कृत्रिम प्रकाश में दुगुने चमकेंगे। सबसे अधिक आश्चर्यजनक असर एलेक्जेंड्राइट पर होता है जो सूर्य की रोशनी में हरा हो जाता है और कृत्रिम प्रकाश पड़ने पर लाल हो जाता है। हीरे के अतिरिक्त अन्य सभी रत्नों में प्राकृतिक और कृत्रिम प्रकाश का प्रभाव व अन्तर देखने में आता है जो विविध परीक्षणों से स्पष्ट होता है। किसी भी रत्न में कोई भी रंग और आभा एक समान नहीं होती। हजारों किस्मों में रंग भी हजारों हैं । पारदर्शिता – रत्न की पहचान पारदर्शिता के आधार पर भी की जाती Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001749
Book TitleRatna Upratna Nag Nagina Sampurna Gyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapil Mohan
PublisherRandhir Prakashan Haridwar
Publication Year2001
Total Pages194
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Astrology, & Occult
File Size10 MB
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