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________________ १२६ * रत्न उपरत्न और नग नगीना ज्ञान * ओपरा-आपरी, आदि में हमें बचाता है। मिस्र देश में पहले लोग इसको पिरामिड के रूप में, प्रकाश को आकर्षित करने के लिए प्रयोग करते थे। अमेरिका में रेड इंडियन इसे सबसे पवित्र मानते हैं। उनके अनुसार पृथ्वी पर प्रकाश का प्रतीक है क्योंकि मनुष्य जन्म के समय से ही प्रकाश का सम्बन्ध हो जाता है। द्वितीय विश्व युद्ध में यूरोप ने जहाँ-जहाँ बेतार की तारें टूट गई थीं, एम्पलीफिकेशन डिवासिस की तरह क्रिस्टल को माध्यम बनाकर एक अद्भुत सफलता प्राप्त की। __ अब आपके सामने शुद्ध एवं उत्तम श्रेणी के स्फटिक की वस्तुओं का वर्णन करते हैं जिनको रखने के लिए आस्था का होना जरूरी है। आशातीत फल मिलता है। इन सभी वस्तुओं को पूजा स्थान में ही रखने का प्रयास करना चाहिए१. स्फटिक माला-इसको पहनने में हमें किसी भी क्षेत्र में संघर्ष को धूमिल करने में सहायता मिलती है। यह हमारे शरीर में विद्युत प्रवाहित करके रक्त के संचार को सुचारू रूप से रखती २. स्फटिक श्री यन्त्र-'श्री' का अर्थ है लक्ष्मी श्रीयन्त्र को ही लक्ष्मी यन्त्र कहा जाता है। पुराणों के अनुसार जो व्यक्ति श्रीयन्त्र की पूजा करता है उसके घर में लक्ष्मी जी का वास रहता है। श्रीयन्त्र सुमेरू पर्वत से ही १४ रत्न प्राप्त हुए थे। ३. स्फटिक श्रीगणेश-दुर्भाग्य नाशक नवग्रह के प्रमुख व किसी भी पवित्र कार्य में सर्वप्रथम गणेश की ही पूजा होती है। ४. स्फटिक शिवलिंग-पर्वतत्व का प्रतीक है। बाईबल में (पिलर ऑफ फायर) का जिक्र आया है जो 'लिंग' को ही दर्शाता है। पुराणों के अनुसार लिंग, भगवान शिव की शक्ति है। घर में लिंग रखने पर शक्ति का विकास होता है। ५. स्फटिक नन्दी-शिव के तेज को केवल नन्दी ही सहन कर सकता है। अतः शिवलिंग के साथ नन्दी का होना अनिवार्य है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001749
Book TitleRatna Upratna Nag Nagina Sampurna Gyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapil Mohan
PublisherRandhir Prakashan Haridwar
Publication Year2001
Total Pages194
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Astrology, & Occult
File Size10 MB
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