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________________ ३६२ वि०सं० २०३० स्थान जोधपुर २०३१ मेड़ता स्थानकवासी जैन परम्परा का इतिहास स्थान वि० सं० नोखा २०३६ २०३७ २०३८ नागौर पाली ब्यावर २०४० जोधपुर कुचेरा २०३२ २०३३ नोखा चांदावतों का मदनगंज नासिक २०३९ २०३४ २०३५ له سه (३) रत्नवंश और उसकी परम्परा आचार्य श्री कुशलोजी क्रियोद्धारक आचार्य धर्मदासजी के शिष्यों में आचार्य धनाजी का प्रमुख स्थान था। धनाजी के शिष्य भूधरजी हुए। भूधरजी के अनेक शिष्य हुए जिनमें मुनि श्री रधुनाथजी, मुनि श्री जयमल्लजी और मुनि श्री कुशलोजी प्रमुख थे। कुशलोजी से रत्नवंश की नींव पड़ी। कुशलोजी ही रत्नवंश के आद्य प्रवर्तक थे। कुशलाजी को लोग कुशलसी, कुशलदासजी आदि नाम से भी सम्बोधित करते थे। कशलोजी का जन्म वि०सं० १७६७ में अपनी समृद्धि के लिए प्रसिद्ध ग्राम रीयां (मारवाड़) में हुआ। आपके पिता का नाम श्री लघुराम चंगेरिया तथा माता का नाम श्रीमती कानूबाई था। आपके पिता रीयां ग्राम के प्रसिद्ध सेठ थे। लधु अवस्था में ही आपके पिता का देहावसान हो गया और परिवार की जिम्मेदारी आपके ऊपर आ गयी। माता के आग्रह पर युवावस्था में आपका पाणिग्रहण संस्कार हुआ। किन्तु विधि का विधान कुछ और ही था। कुछ वर्ष बाद एक शिशु को जन्म देकर आपकी पत्नी का भी स्वर्गवास हो गया। इस तरह पित वियोग और पत्नी वियोग से आपके मन में संसार के प्रति विरक्ति पैदा हो गई। १७ मास के दूध मुँहे बच्चे को अपनी माता की देख-रेख में छोड़कर वि०सं० १७९४ फाल्गुन शुक्ला सप्तमी को आचार्य श्री भूधरजी के पास आपने दीक्षा ग्रहण कर ली। मारवाड़, मेवाड़, मालवा आदि क्षेत्रों में ४६ वर्षों तक निर्मल संयम का पालन करते हुए जिनशासन की खूब अलख जगायी। आपके अनेक शिष्य हुए जिनमें मुनि श्री गुमानचन्दजी और मुनि श्री दुर्गादासजी प्रभावशाली वक्ता तथा परम तपस्वी थे। रत्नवंश की नींव डालने वाले आचार्य श्री कशलोजी का वि०सं० १८४० ज्येष्ठ कृष्णा षष्ठी को ३ दिन के संथारे के साथ स्वर्गवास हो गया। आपने अपने ४६ वर्षों के संयमजीवन में निम्नलिखित स्थानों पर चातुर्मास किये Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001740
Book TitleSthanakvasi Jain Parampara ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain, Vijay Kumar
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year2003
Total Pages616
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & religion
File Size10 MB
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