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धर्मदासजी की परम्परा में उद्भूत गुजरात के सम्प्रदाय
मुनि श्री उमेदचन्दजी स्वामी
आपका जन्म भोरार में हुआ । वि० सं० १९५९ वैशाख सुदि अष्टमी को भोरारा में ही आप दीक्षित हुये । वि० सं० १९७८ चैत्र वदि नवमी दिन रविवार को थानगढ़ में आपका स्वर्गवास हो गया। आपके साथ आपकी पत्नी भी दीक्षित हुई थीं। मुनि श्री अनोपचन्दजी स्वामी
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आपका जन्म सामखिचारी (कच्छ) में हुआ। वि० सं० १९६० माघ वदि त्रयोदशी को तुंबड़ी में आपकी आर्हती दीक्षा हुई। वि० सं० २००७ पौष वदि चतुर्दशी को आघोई (पूर्व कच्छ) में आपका स्वर्गवास हुआ।
मुनि श्री लालचन्दजी स्वामी
सुवई ग्राम में आपने जन्म लिया। वि० सं० १९६० वैशाख सुदि पंचमी को मांडवी में आप दीक्षित हुये । वि० सं० २००३ पौष वदि द्वादशी को रापर में आपका स्वर्गवास हुआ ।
मुनि श्री मूलजी स्वामी
आपका जन्म लाकडिया में हुआ। वि० सं० १९६१ माघ वदि पंचमी को मुन्द्रा में आपने दीक्षा ग्रहण की। वि० सं० २००७ पौष में लीम्बड़ी में आपने स्वर्गलोक के लिए महाप्रयाण किया ।
मुनि श्री कपूरचन्दजी स्वामी
आपका जन्म भचाउ में हुआ। वि० सं० १९८४ फाल्गुन सुदि द्वितीया को लाकडिया में आपने दीक्षा ग्रहण की। वि० सं० १९९० प्रथम वैशाख वदि चतुर्थी दिन बुधवार को अलवर में आप स्वर्गस्थ हुये । तपस्वी मुनि श्री डुंगरसिंहजी स्वामी
आपका जन्म वि०सं० १९६६ भाद्र सुदि द्वितीया को भोरारा में हुआ। वि०सं० १९८५ ज्येष्ठ सुदि अष्टमी दिन शुक्रवार को आप दीक्षित हुये । वि० सं० २०३५ मार्गशीर्ष सुदि नवमी को लीम्बड़ी में आपका स्वर्गवास हुआ।
मुनि श्री नागजी स्वामी
वि०सं० १९३६ में भचाउ में आपका जन्म हुआ । वि० सं० १९८६ मार्गशीर्ष सुदि तृतीया दिन बुधवार को गुंदाला में आपकी दीक्षा हुई। वि० सं० २०१९ फाल्गुन वदि द्वितीया की रात्रि में मुन्द्रा में आप स्वर्गस्थ हुये ।
मुनि श्री नवलचन्द्रजी स्वामी
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वि०सं० १९७३ आषाढ़ सुदि त्रयोदशी को भचाउ में आपका जन्म हुआ।
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