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स्थानकवासी जैन परम्परा का इतिहास
श्री शंकरऋषिजी, श्री खुशालऋषिजी, श्री हरखचन्दऋषिजी, श्री मोरारऋषिजी (तृतीय), श्री झवेरचन्दऋषिजी, श्री भगवानऋषिजी, श्री मलूकऋषिजी, श्री हीराचन्दऋषिजी, श्री रघुनाथऋषिजी, श्री हाथीऋषिजी, श्री उत्तमचन्दऋषिजी, श्री ईश्वरलालऋषिजी, श्री भ्रातृचन्दजी, श्री चुन्नीलालजी और श्री शान्तिलालजी स्वामी संघ के प्रमुख हुये।
वर्तमान में श्री शान्तिलालजी स्वामी संघ के प्रमुख हैं। इस संघ में कुल १२९ संत-सतियाँजी वर्तमान में विद्यमान हैं जिनमें १५ सन्तजी और ११४ सतियाँजी हैं। सन्तों के नाम हैं- श्री अपूर्व मुनिजी, श्री अखिलेशमुनिजी, श्री भावेशमुनिजी, श्री वीरेन्द्रमुनिजी, श्री मयंकमुनिजी, श्री जयेन्द्रमुनिजी, श्री प्रकाशमुनिजी, श्री रक्षितमुनिजी, श्री राजेन्द्रमुनिजी, श्री भावेन्द्रमुनिजी, श्री हर्षदमुनिजी, श्रीजिज्ञेशमुनिजी और श्री किरणमुनिजी।
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