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अवस्था में दीक्षा ग्रहण की, 10 वर्ष तक छद्मस्थावस्था में रहे और 16 वर्ष तक केवली अवस्था में। भगवान महावीर के निर्वाण के चार वर्ष पूर्व 62 वर्ष की अवस्था में राजगृह के गुणशीलक चैत्य में निर्वाण गति प्राप्त की।
11. प्रभास जी
प्रभास जी राजगृह नगर के निवासी कौडिन्य गोत्रीय ब्राह्मण थे। इनके पिता का • नाम बल और माता का नाम अतिभद्रा था। 16 वर्ष की अवस्था में ही आप वेदज्ञ हो गए
थे, फिर भी मन में निर्वाण के विषय में शंका थी, श्रमण भगवान महावीर के समीप जाने से शंका का समाधान हुआ, तदनन्तर उन्होंने 300 शिष्यों के साथ श्रमण धर्म स्वीकार किया। 8 वर्ष छद्मस्थावस्था में रहे और 16 वर्ष केवली अवस्था में रहे।
भगवान महावीर के सर्वज्ञ जीवन के 25वें वर्ष में राजगृह में मासिक अनशनपूर्वक 40 वर्ष की अवस्था में निर्वाण प्राप्त किया।
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