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हिन्दी अनुवाद-अ. ३, पा..१
ओअग्गममाण। व्यापिसमाप्योः ।। ७७ ॥
व्याप्नोति और समाप्नोति इन धातुओंको यथाक्रम ओअग और समाण ऐसे आदेश विकल्पसे होते हैं। उदा.-ओ अग्गइ। समाणइ । विकल्पप झमें-आवेइ व्याप्नोति । समावेइ समाप्नोति ।। ७७ ।। णिरवो बुभुक्ष्याक्षिप्योः ॥ ७८ ॥ __ आचारे किम् (प्रत्यय) अन्तमें होनेवाला बुभुक्षि, और आ (उपसर्ग) पीछे होने वाला क्षिपति, इन धातुओं को णिरव ऐसा आदेश विकल्पसे होता है। उदा.-णिर बइ, बुभुक्षते आक्षिपति वा । (विकल्पपक्षमें)-बुभुक्खइ । अविश्वबइ ।। ७८॥ क्षिपिरड्डक्वपरिहुलघत्तछुहकेल्लणोल्लसोल्लगल्लत्थान् ।। ७९ । ।
क्षिप प्रेरणे' मेंसे क्षिप् धातुको अड्डक्ख, परि, हुल, घत्त, छुह, फेल्ल, णल्ल, सोल्ल, गल्लत्थ ऐसे नौ आदेश विकरुपसे प्राप्त होते हैं। उदा.अड्डक्वड । परिइ। हुलइ। घत्तइ । छुहइ । फेल्लइ । णोल्लइ। सोल्लइ । गल्लत्थइ। विकल्पपक्षमें-खिबइ ।। ७९ ।। उत्क्षिपिरुत्थग्घोसिकहवखुवाल्लत्थगुलुगुञ्छाब्भुत्तान् ।। ८० ॥
उरिक्षपति धातुको उत्थग्घ, उसिक्क, हवखुव, अल्लस्थ, गुलुगुञ्छ, अब्भुत्त, ऐसे छः आदेश विकल्पसे प्राप्त होते हैं। उदा.-उत्थग्घइ । उसिक्कइ। हक्खुबइ। अल्लथइ । गुलुगुञ्छइ । अभुत्तइ। विकल्पपक्षमेंउक्विवइ ।। ८० ॥ चेपेराअब्बाअन्झौ ।। ८१ ।।
'टुवेपृ कम्पने मेंसे वेप् धातुको आअब्ब और आअज्झ ऐसे आदेश विकल्पसे होते हैं। उदा.-आअब्बइ । आअज्झइ । विकल्पपक्षम-वेबई ।।८।। विरणडौ गुपेः ।। ८२ ॥ ___ गुप व्याकुलवे मेंसे गुप् धातुको चिर और णड ऐसे आदेश विकल्पसे होते हैं। उदा.-बिरइ। पाडइ । विकल्पपक्षमें-गुप्पङ ।। ८२ ।।
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