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प्राकृत एवं संस्कृत साहित्य में गुणस्थान की अवधारणा......
परिशिष्ठ-२........{506} विपाकसूत्र
वाचना प्रमुखः आचार्य तुलसी सम्पादक: मुनि नथमलजी प्रकाशन :- जैन विश्व भारती लाडनूं (राजस्थान) वि.सं. २०३१ मुद्रक :
एस. नारायण एण्ड सन्स (७११७), १८, पहाड़ी धीरज, दिल्ली-६ विपाकसूत्र
वाचना प्रमुख : आचार्य तुलसी सम्पादक : मुनि नथमलजी प्रकाशन :- जैन विश्व भारती लाडनूं (राजस्थान), वि.सं. २०३१
मुद्रक :- एस. नारायण एण्ड सन्स (७११७), १८, पहाड़ी धीरज, दिल्ली-६ विशेषावश्यकभाष्य
लेखक: जिनभद्रगणि क्षमाश्रमण भाग-१
सम्पादक : पं. दलसुख मसलवणिया भाग-२
पं. बेचरदास जी दोशी प्रकाशक : लालभाई दलपतभाई, भारतीय संस्कृति विद्या मंदिर, अहमदाबाद-६, सन् १९८८ मुद्रण:
तुषार पटेल, अर्थ कम्प्यूटर, ६५, देवमंदिर सोसायटी, चंदलोदिया, अहमदाबाद-३८२४८१ प्रथम संस्करण : नवम्बर १६६६, द्वितीय संस्करण: दिसम्बर १९३३ विशेषावश्यकभाष्य भाग-1-2
जिनभद्रगणि क्षमाश्रमण वृत्तिकार: श्री हेमचन्द्राचार्य भाषान्तर: चुनीलाल हुकमचंद अहमदाबाद सम्पादक: प.पू. वज्रसेन विजयजी गणिवर्य प्रकाशक: भद्रंकर प्रकाशन, ४६/१, महालक्ष्मी सोसायटी, शाहीबाग, अहमदाबाद-४
प्रथमावृत्ति वि.सं. २०५३ द्वितीयवृत्ति वि.सं.२०३६, प्रथमावृत्ति वि.सं. १६८० प्रथम संस्करण १९८३
द्वितीय संस्करण २०४० तृतीय संस्करण २०५३ मुद्रक:
कान्तिलाल डी. शाह भाग-१
न्यू मार्केट, पांजरोपोल, रीलिफ रोड़, अहमदाबाद भाग-२
भरत प्रिन्टरी पूर्ववत् मुद्रक विंशतिविंशिका
लेखक :- हरिभद्रसूरि सम्पादक:- धर्मरक्षित वि. प्रकाशक :- लावण्य जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ, अहमदाबाद (गुजरात) मुद्रक :
जीतुशाह अरिहंत, ६८७/१ छीपापोल, कालुपुर - अहमदाबाद (गुजरात) षट्खण्डागम
लेखक: पुष्पदंत भूतबली प्रणीत सम्पादनः पं. सुमतिबाई शहा संचालिका: राजुलमति सोलापुर प्रकाशन :
आ. शांतिसागर, दि. जैन जिनवाणी संस्था, श्री श्रुतभंडार व ग्रन्थ प्रकाशन समिति, फलटण षट्खण्डागम में गुणस्थान विवेचन (आध्यात्मिक विकासक्रम)
लेखक : डॉ. प्रमिला जैन प्रकाशक:
श्री भारतवर्षीय दिगम्बर जैन महासभा, ऐशबाग, लखनऊ-४ मुद्रक :
ताज प्रिन्टर्स, जोधपुर
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