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३. देवचन्द्रकृत विचारसार प्रकरण अपरनाम गुणस्थानशतक ४. चौदह गुणस्थानवचनिका ५. श्रीमुक्तिसोपान अपरनाम ‘गुणस्थानरोहणअदीशतद्वारी' ६. आचार्य नानेशकृत गुणस्थान स्वरूप एवं विश्लेषण ७. आचार्य जयन्तसेनसूरिजी कृत आध्यात्मिक विकास की भूमिकाएं एवं पूर्णता ८. डॉ. प्रमिला जैनकृत षट्खण्डागम में गुणस्थान विवेचन ६. डॉ. सागरमल जैनकृत गुणस्थान सिद्धान्त : एक विश्लेषण
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गुणस्थान की अवधारणा:एक तुलनात्मक विवेचन १. योगवासिष्ठ की चौदह भूमिकाएं और गुणस्थान २. योगदर्शन की मन की पांच अवस्थाएं और गुणस्थान ३. शैवदर्शन की दस भूमिकाएं और गुणस्थान ४. गीता का त्रिगुण सिद्धान्त और गुणस्थान ५. बौद्धदर्शन और गुणस्थान की अवधारणा ६. आजीवक सम्प्रदाय की आध्यात्मिक विकास की भूमियाँ और गुणस्थान ७. युंग का व्यक्तित्व मनोविज्ञान और गुणस्थान
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उपसंहार
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(१०)| परिशिष्ठ
परिशिष्ट - १ (श्री मुक्तिसोपान श्री गुणस्थान रोहण अढीशतद्वारीका संक्षेपित यंत्र) परिशिष्ट - २ अवलोकित ग्रंथसूची
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