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________________ जैनदर्शन का त्रिविध साधनामार्ग और समत्वयोग ६५ से मलिन होती है। प्रश्नव्याकरणसूत्र में हिंसा का एक नाम गुणविराधिका भी मिलता है। अहिंसा महाव्रत के परिपालन में श्रमण जीवन और गृहस्थ जीवन में मूल अन्तर इतना ही है कि गृहस्थ साधक केवल त्रस प्राणियों की संकल्पी हिंसा का त्याग करता है, वहाँ श्रमण साधक त्रस और स्थावर सभी प्राणियों की सभी प्रकार की हिंसा का त्यागी होता है। हिंसा के चार प्रकार बताये गये हैं : १. आरम्भी; २. उद्योगी; ३. विरोधी; और ४. संकल्पी । इसमें गृहस्थ केवल संकल्पी हिंसा का त्यागी होता है और श्रमण चारों ही प्रकार की हिंसा का त्यागी होता है। दशवैकालिकसूत्र में अहिंसा महाव्रत का किस तरह से पालन करना उसकी संक्षिप्त रूप-रेखा मिलती है। उसमें कहा गया है कि समाधिवंत संयमी साधु तीन करण एवं तीन योग से पृथ्वी आदि सचित्त मिट्टी को नहीं छुए। सजीव पृथ्वी एवं सचित्त मिट्टी से भरे हुए आसन पर नहीं बैठे। यदि उसे बैठना हो तो अचित्त भूमि पर आसन आदि को यतना से प्रमार्जित करके बैठे। संयमी साधु सचित्त जल, वर्षा, ओले, बर्फ आदि ओस के जल का सेवन नहीं करे; किन्तु तीन उकाले का या अचित्त धोवन (पानी) को ग्रहण करे। किसी प्रकार की अग्नि को साधु उत्तेजित नहीं करे, छुए नहीं, सुलगावे नहीं और उसको बुझावे भी नहीं। इसी प्रकार साधु किसी प्रकार की हवा नहीं करे तथा गरम पानी, दूध या आहार आदि को फूंक से ठण्डा भी न करे। साधु त्रणों, वृक्षों तथा उनके फूल, फल, पत्ते आदि को तोड़े नहीं, काटे नहीं, लता कुंजों में बैठे नहीं। इसी प्रकार साधु त्रस और स्थावर प्राणियों में से किसी जीव की जीवन पर्यन्त मन, वचन और काया से हिंसा न करे, न करावे और न करने वाले का अनुमोदन करे।३५ इस प्रकार हम देखते हैं कि जैनदर्शन में हिंसा और अहिंसा का जो विचार है, वह केवल प्राणियों की हिंसा तक ही सीमित नहीं है; अपितु पर्यावरण के सन्तुलन या समत्व पर भी बल देता है। हिंसा से बचने के १३५ (क) दशवैकालिकसूत्र ८/३-१३ । (ख) मूलाचार ६१/६७ । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001732
Book TitleJain Darshan me Samatvayog
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPriyvandanashreeji
PublisherPrem Sulochan Prakashan Peddtumbalam AP
Publication Year2007
Total Pages434
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Religion, Yoga, & Principle
File Size7 MB
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