________________
२१६
उपमिति भव-प्रपंच कथा
दुःखी, कुछ वक्र प्रकृति वाला, अच्छे मित्र और नौकर चाकरों से परिपूर्ण होता है । २०वें वर्ष में गिर पड़ने की दुर्घटना से बच जाय तो ८० वर्ष तक जीवित रहता है । इसकी मृत्यु भी मिगसर या पौष के शुक्ल पक्ष की रात में होती है ।
[२४-२६]
५. सिंह - इस राशि में जन्मा हुआ क्षमावान, मनस्वी, कार्यकुशल, मांसमद्य प्रेमी, यात्रा-प्रिय और विनयी होता है । इसे सर्दी का भय बना रहता है, बात-बात में क्रोधित हो जाता है, पुत्र एवं परिवार बड़ा होता है, माता-पिता को प्रिय होता है और लोगों में व्यसनी के नाम से प्रसिद्ध होता है । * इसकी मृत्यु ५० वें वर्ष में होती है, यदि बच जाय तो १०० वर्ष तक जीवित रहता है । शनिवार, मघा नक्षत्र, चैत्र माह में अच्छे पुण्य क्षेत्र में इसकी मृत्यु होती है ।
[२७-२६]
६. कन्या - इस राशि वाला अधिक विलासी, वेश्यागामी, धनवान, दानदाता, दक्ष, कवि, वृद्धावस्था में धर्मपरायण, लोकप्रिय, नाट्य-गायन-प्रेमी और प्रवासप्रिय होता है । यह अपनी स्त्री से दुःखी रहता है । ३०वें वर्ष में शस्त्र या पानी द्वारा मृत्यु होती है, इससे बच जाय तो ८० वें वर्ष में वैशाख माह, मूल नक्षत्र, बुधवार को इसकी मृत्यु होती है । [ ३०-३२]
७. तुला - इस राशि में जन्मा व्यक्ति बिना कारण क्रोधित होता है, स्वयं दुःखी होता है, स्पष्ट वक्ता होता है, क्षमाशील होता है, चपल नेत्र वाला होता है, स्थिर लक्ष्मी वाला होता है, अपने घर में ताकत बताने वाला होता है, व्यापारकुशल होता है, देव-पूजक होता है, मित्र-स्नेही होता है, यात्रा प्रिय होता है, सुहृदों में प्रिय होता है | २०वें वर्ष में दीवार के नीचे दबकर मृत्यु की संभावना होती है, इससे बच जाय तो ८०वें वर्ष में जेठ माह, अनुराधा नक्षत्र, मंगलवार को मृत्यु होती है । [ ३३-३५ ]
I
८. वृश्चिक - इस राशि में जन्मा व्यक्ति छोटी उम्र में अधिक यात्रा करता है । क्रूर प्रकृति, वीर, पीली आँखों वाला, परस्त्री में आसक्त, अभिमानी और स्वजन - परिजनों के प्रति निष्ठुर हृदय होता है । इसे साहस करने से लक्ष्मी प्राप्त होती है । यह अपनी माता के प्रति भी दुष्ट बुद्धिवाला, धूर्त और चोर होता है । अनेक कार्य प्रारम्भ करता है, पर एक को भी पूरा कर फल प्राप्त नहीं कर पाता । इसकी १८वें वर्ष में या २५वें वर्ष में चोर, शस्त्र या सर्प द्वारा मृत्यु की संभावना होती है, इससे बच जाय तो ७० वर्ष तक जीवित रह सकता है । [३६-३८]
६. धन - इस राशि वाला शूरवीर, सत्यवक्ता, बुद्धिमान, सात्त्विक प्रकृति वाला, लोकप्रिय, शिल्प - विज्ञान का ज्ञाता, धनवान, सुन्दर स्त्री वाला, अभिमानी,
* पृष्ठ ६१०.
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org