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उपमिति-भव-प्रपंच कथा
'तू सदागम की मूर्खता तो देख । वह तो सूगहीतनामधेय कर्मपरिणाम महाराजा की सत्ता में रहने वाले सब जीवों को निर्वत्तिनगर में ले जाने की इच्छा रखता है, पर इस बेचारे को यह खबर ही नहीं कि ऐसे कितने प्राणी हैं ? देख, अपने इस नगर में असंख्य प्रासाद महल) हैं, प्रत्येक महल में असंख्य कमरे हैं और प्रत्येक कमरे में अनन्त जीव निवास करते हैं । इस सदागम का अनादि काल से यह दुराग्रह रहा है कि अपने लोगों को वह निवृत्तिनगर में ले जाता है। पर, इतने समय से वह परिश्रम कर रहा है फिर भी एक कमरे में रहने वाले प्राणियों का अनन्तवां भाग (किंचित् मात्र) भी वह यहाँ से नहीं ले जा सका है, तब महाराजाधिराज जनसंख्या में कमी होने की चिन्ता क्यों करते हैं ?'
तन्नियोग बोला- आप जो कह रहे हैं वह ठीक है। महाराजा को भी आप पर पूरा विश्वास है और उन्हें भी यह बात ज्ञात है । फिर मैं भी यहाँ से जाकर महाराजश्री के समक्ष आप द्वारा कही हुई सारी बातें अवश्य बताऊँगा । पर, मुझे आपको एक दूसरी बात भी कहनी है कि लोकस्थिति महादेवी ने यह प्राज्ञा दी है और साथ में यह भी कहा है कि उनकी प्राज्ञा-पालन में थोड़ा भी विलम्ब नहीं होना चाहिये । अतः उन्होंने जो आज्ञा दी है उसकी पूर्ति के लिये आप शीघ्र प्रबन्ध करिये ।
इस प्रकार बातचीत करके राज्यपाल और सेनापति बाहर के दरवाजे के पास खड़े होकर आपस में विचार करने लगे।
तीव्रमोहोदय---ठीक, तब यहाँ से बाहर भेजने योग्य कौन से जीव हैं ?
अत्यन्तप्रबोध-आर्य ! इस विषय में आपको अधिक विचार करने की क्या आवश्यकता है ? 2अपने, नगर में सब लोगों को इस वास्तविकता से अवगत करा दें, इस विषय में घोषणा करवा दें, डोंडी पिटवा दें कि महाराजा कर्मपरिणाम की आज्ञा से कुछ लोगों को यहाँ से राजधानी की तरफ भेजना है, अतः जिन्हें जाने की इच्छा हो वे अपने आप तैयार हो जायें। जिस जगह इन जीवों को यहाँ से जाना है वह जगह अधिक अनुकूल होने से तथा अभी जहाँ वे रहते हैं वहां भीड़ में फंसे हुए होने से, कई लोग अपने आप जाने के लिये तैयार हो जायेंगे । फिर तन्नियोग को पूछकर कि कितने प्राणियों को वहाँ ले जाना है, जो लोग जाने को तैयार होंगे उनमें से अपनी पसन्द के प्राणियों को छांटकर तन्नियोग द्वारा बताई गई संख्या में प्राणियों को वहाँ भेज देंगे। अत्यन्तप्रबोध की अबोधता
तीव्रमोहोदय--भद्र ! तू स्वयं अपनी पहनी हुई या पहनने की वस्तुओं की विशेषताओं को भी नहीं जानता ! इसी प्रकार इन लोगों ने जब दूसरा कोई
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