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________________ m २. क्षान्तिकुमारी ३. स्पर्शन-कथानक ४. स्पर्शन-मूलशुद्धि ५. स्पर्शन की योगशक्ति ६. मध्यमबुद्धि ७. प्रतिबोधकाचार्य ८. मदनकन्दली ९. बाल, मध्यमबुद्धि, मनीषी पौर स्पर्शन १०. बाल की दूरवस्था ११. प्रबोधनरति प्राचार्य १२. चार प्रकार के पुरुष १३. बाल के अधमाचरण पर विचार १४. अप्रमाद यन्त्रः मनीषी १५. शत्रुमर्दन आदि का प्रान्तरिक प्राह्लाद १६. निज विलसित उद्यान का प्रभाव १७. दीक्षा महोत्सव : दीक्षा और देशना १८. कनकशेखर १६. दुर्मुख और कनकशेखर २०. विमलानना और रत्नवती २१. रौद्रचित्तनगर में हिंसा से लग्न २२. अम्बरीष-युद्ध और लग्न २३. विभाकर से युद्ध २४. कनकमंजरी २५. हिंसा के प्रभाव में २६. पुण्योदय से बंगाधिपति पर विजय २७. दयाकुमारी २८. वैश्वानर और हिंसा के प्रभाव में २६. खूनी नन्दिवर्धन की कदर्थना ३०. मलयविलय उद्यान में विवेक केवली ३१. भवप्रपंच और मनुष्य भव की दुर्लभता ३२. तीन कुटुम्ब ३३. अरिदमन का उत्थान ३४. नन्दिवर्धन की मृत्यु उपसंहार २०१-२०८ २०९-२१४; २०६-३१४ २१५-२२३ २२३-२३० २३०-२३५ २३६-२४५ २४५-२५२ २५२-२६० २६१-२६५ २६६-२७० २७०-२८२ २८२-२८७ २८७-२६३ २६३-३०० ३००-३०६ ३०६-३१४ ३१५-३१८ ३१८-३२४ ३२४-३२८ ३२८-३३३ ३३३-३३५ ३३५-३४० ३४०-३५५ ३५५-३५८ ३५८-३६२ ३६२-३६६ ३६७-३७२ ३७३-३७७ ३७७-३८५ ३८५-३८८ ३८८-३६४ ३६५-३६७ ३६७-४०० ४०१ m mr mr r mr . Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001725
Book TitleUpmiti Bhav Prakasha Katha Part 1 and 2
Original Sutra AuthorSiddharshi Gani
AuthorVinaysagar
PublisherRajasthan Prakrit Bharti Sansthan Jaipur
Publication Year1985
Total Pages1222
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Literature, & Story
File Size23 MB
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