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________________ ॥ कल्याणकलिका. खं० २ ।। ।। ४०७ ।। Jain Education International 'देवी' शब्द जोडीने उक्त १४ नदीओनी अधिष्टायिकाओ कल्पवी, शेष ६ स्त्रीओने पद्म १, माहापद्म २, तिगिच्छि ३, केसर ४, पुण्डरीक ५, अने महापुण्डरीक ६, आ छ ह्रदोनी निवासिनी अने अधिष्टायिका तरीके अनुक्रमे श्रीदेवी १, ह्रीदेवी २, घृतिदेवा ३, कीर्तिदेवी ४, बुद्धिदेवी ५, अने लक्ष्मीदेवी ६ तरीके कल्पवी. देव दैवीओए पोतपोताना अधिकार नीचेना जलादि द्रव्योना अभिषेक के उपयोग प्रसंगे इद्रनो आदेश थतां ते ते पदार्थ लेइ उपस्थित थवानुं छे. पहेलानां ६ अभिषेकोमा एक एक स्थानीय धृतादि द्रव्य लइ एक एक देवे अथवा देवीए उपस्थित थवानुं छे ७ थी १२ अभिषेकोमा वे नदीना जल लई वे वे नदी देवीओ उपस्थित थशे, ए पछीना बधा अभिषेकोमा अने अन्य कार्योंमां एक एक देवी अने देवनी उपस्थिति छे, मात्र १९ मा अभिषेक प्रसंगे मागध, वरदाम, प्रभास आ त्रणेना अधिपति देवोने साथे उपस्थित थवानुं छे. २४ निवाणोना जलने छाणी एक महोटी माटलीमां एकत्र करवुं, तेमा बरास, कर्पूर, कस्तुरी घोलीने नांखी तेने सुगंधी बनव २४ न्हाना न्हाना धातु अथवा माटीना घडाओमां आ भरी, ४ देवो अने २० देवीओने हवाले करनुं, क्षीर समुद्रना जलमा दूध नाख जलने सफेद बनाव, शेष २३ घडाओनुं जल जलरूपे ज राखवुं, घृत, क्षीर, दधि, समुद्रोना अधिष्ठायकोने घृत, दहिंना कलशो भरीने आपवा, सर्वौषधि समाहारक देवोए पोतपोताना अधिकार नीचेनां द्रव्यो अभिषेकने योग्य बनावीने तैयार राखवां अने इन्द्रनो आदेश मलतां ज हाजर करवां. जो अभिषेक भक्तिरूपे ज करवानो होय तो ग्रह निमित्ते जणावेल बलि, पुष्प, भोजन, अने दक्षिणा विषयक पदार्थोनी तैयारीनी जरूरत नथी, मात्र दिक्पालो योग्य पदार्थों ज तैयार कराववा. पण कोइ संघ के व्यक्ति जिनभक्ति उपरान्त ग्रह पीडोपशान्तिनो पण इच्छुक होय ते उपकरणोमां ग्रहाधिकारोक्त उपकरणो पण मेलवी राखवां, तात्कालिक तैयारीमां आवश्यक पदार्थोनी तैयारी कराववी अने जिनाभिषेक, ग्रहाभिषेक अने ग्रहपूजनादि शान्ति इच्छुकना हाथे करावj. For Private & Personal Use Only || श्रीशान्ति बादिवे तालीय अर्हद भिषेक विधिः || ।। ४०७ ।। www.jainelibrary.org
SR No.001723
Book TitleKalyan Kalika Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKalyanvijay Gani
PublisherK V Shastra Sangrah Samiti Jalor
Publication Year1986
Total Pages660
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, Ritual, Shilpvastu, & Muhurt
File Size11 MB
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