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________________ ॥ कल्याण कलिका. खं० २ ।। ।। ३५८ ।। Jain Education International आ वखते परमेष्ठिमुद्रा करी आचार्य जिननुं आह्वान करे, मंत्र नीचे प्रमाणे छे "ॐ नमोऽर्हते परमेश्वराय चतुर्मुखाय परमेष्ठिने त्रैलोक्यगताय अष्टदिक्कुमारी परिपूजिताय देवाधिदेवाय दिव्यशरीराय त्रैलोक्यमहिताय आगच्छ आगच्छ स्वाहा । ܕ ते पछी आसन उपर बेसी आचार्य पोते आसनमुद्राए वास आदि द्रव्यो बडे नन्दावर्तनुं पूजन करे, स्नात्रकारो पुष्पादि चढावे, प्रचुर अंगभोग सामग्री चढावे, नन्दावर्तनुं पूजन मध्य भागथी चालु करवुं एना लेखन-पूजननो क्रम अने विधि पूर्वे लख्या प्रमाणे जाणवो, नन्दावर्त पूजीने दशीओ सहित अने अव्यंगित एवा वस्त्रे तेने ढांकबुं, तेना उपर १ नालिएर स्थापन करवुं, फरतुं सप्तधान्य क्षेप, प्रतिष्ठा चल होय तो ते जणाववा माटे नंदावर्त उपर संकल्प करी प्रतिष्ठाप्य बिंबने स्थापन करवुं उपर रक्तसूत्र वींटवुं, बीजोरादिक विचित्र फलो अने नैवेद्य ढोबुं. आगे बाट १, क्षीर २, करंबो ३, केसरि ( खीचडी) ४, सिद्धपिंडी ५, कूर ६, पूअडा ७ ए सात बलि शरावो ढोवां. रक्तसूत्र अथवा गेवासूत्र बांधेल ४ नाना सुवर्णना कलशिया अथवा चंदननुं विलेपन करी सुवर्णना वर्क चोडेला ४ कलशिया (नन्दावर्त स्थित) प्रतिमानी चारे बाजु स्थापना, घी-गोलना ४ मंगलदीवा स्थापवा, नन्दावर्तना पाटलानी चारे दिशाओमां कोडी १, सुवर्ण २, जल ३, धान्य ४, युक्त चार श्वेततारको ( नाना घडुला) स्थापवा, तेमना गलामां सुकुमालिओ (सुंहाली) नां कांकण पहेराववां ते चारे उपर ४ जवारानां शरावला मुकवां, अने ते श्वेत बारकोने गेवासूत्र वींटवुं ते पछी शक्रस्तवे करीने चैत्यवन्दना करवी. हवे अधिवासना लग्ननो समय नजीक आवतां श्रावके (नन्दावर्तपूजन पूर्वे प्रतिमाओने ऋद्धिवृद्धि सहित मींडल न बांध्यां होय तो ) बांधीने पुष्प धूप चंदन वासे वासित एवा दशियावड अखंड वस्त्रे करीने सर्व बिंबोनुं मुखाच्छादन करवुं एटले भाइसाडी (कुंसुंभी लालवख) ओढाडी प्रतिमाओनां मुख ढांकवां, ते वस्त्र उपर चंदनना छांटा नांखवा, पुष्पो वेरवां, वासक्षेप करवो. For Private & Personal Use Only ॥ मध्य कालीन अंजन शलाका विधि ॥ ।। ३५८ ।। www.jainelibrary.org
SR No.001723
Book TitleKalyan Kalika Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKalyanvijay Gani
PublisherK V Shastra Sangrah Samiti Jalor
Publication Year1986
Total Pages660
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, Ritual, Shilpvastu, & Muhurt
File Size11 MB
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