SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 397
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ॥ कल्याणकलिका. खं० २ ॥ ।। ३२१ ॥ Jain Education International आ प्रमाणे विधिथी अधिवासित करीने भगवन्तने गन्ध-धूप - पुष्पादिके वासित अने सुन्दर पाथरेली विद्रुमशय्यामां (नवपल्लव जेवी कोमल रक्तास्तरणवाली शय्यामां ) पोढाववा अने उपर अभिमंत्रित रक्त वस्त्र ओढावj. पछी सात स्वरमय गीतो गातां, मंगल वाद्यो वगाडतां चतुर्विध श्रीश्रमणसंघनी साथे धर्मजागरिका करवी. इति अधिवासना । प्रतिष्ठा विधिः - अधिवासना थया पछी केटलोक समय व्यतीत करवो, रात बीतीने सूर्योदय थइ गया पछी प्रतिष्ठा करवी. पूर्वे जेम विघ्नोच्चाटन निमित्ते भूतबलिनो प्रक्षेप कर्यो तेम आ प्रसंगे प्रथम शान्तिबलि नाखीने पछी चैत्यवन्दनादिक कार्यों करवां' ते पछी प्रतिमा उपरनुं बस्त्र उठावी लइने सौभाग्यवती स्त्रीना वा कुमारिकाना हाथमां आपवुं अने रूपानी वाटकीमां तैयार राखेल मधु-घृतरूप अंजनमां सोनानी शलाका भरी लग्न - नबामांशमां 'ॐ अर्हन्' आ मंत्रनुं उच्चारण करवा पूर्वक जिनप्रतिमानुं 'नयनोन्मीलन' करवुं, अर्थात् अंजनशलाका करी ज्ञानरूप नेत्र उघाडवां. अंजनशलाका करीने दृष्टिना संतर्पण निमित्ते घृत तथा दधिनां पात्रो देखाडवां अने आरीसो पण देखाडवो, पछी १ चैत्यवन्दनमां ३ वर्धमानस्तुतिओ कह्या पछी 'श्री प्रतिष्ठादेवतायै करेमि काउस्सग्गं अन्नत्य ऊससिएणं०' १ लोगस्ससागरवरगंभीरा सुधीनो काउस्सग्ग करी, पारी, नमोऽर्हत् कही - • " यदधिष्ठिताः प्रतिष्ठाः सर्वाः सर्वास्पदेषु नन्दन्ति । श्रीजिनबिम्बं सा विशतु देवता सुप्रतिष्ठमिदम् ॥१॥ जड़ सग्गे पायाले, अहवा खीरोदहिम्मि कमलवणे । भगवइ करेहि संतिं सन्निज्झं सयलसंघस्स ||२|| " आबे स्तुति का पछी बीजा देवताओना काउस्सग्ग करवा अने स्तव कह्या बाद जयवीयराय कही चैत्यवंदना समाप्त करवी For Private & Personal Use Only ॥ श्री पाद लिप्तसूरि प्रणीतः प्रतिष्ठा विधिः ॥ ।। ३२१ ।। www.jainelibrary.org
SR No.001723
Book TitleKalyan Kalika Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKalyanvijay Gani
PublisherK V Shastra Sangrah Samiti Jalor
Publication Year1986
Total Pages660
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, Ritual, Shilpvastu, & Muhurt
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy