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॥ कल्याणकलिका. खं० २॥
॥ १०४ ।।
ॐ मरुदेवीए नमः १, ॐ विजयाए नमः २, ॐ सेणाए नमः ३, ॐ सिद्धत्थाए नमः ४, ॐ मंगलाए नमः ५, I ॐ सुसीमाए नमः ६, ॐ पुहवीए नमः ७, ॐ लक्खणाए नमः ८, ॐ रामाए नमः ९, ॐ नन्दाए नमः १०, ॐ ॥ द्वितीयाविण्हए नमः ११, ॐ जयाए नमः १२, ॐ सामाए नमः १३, ॐ सुजसाए नमः १४, ॐ सुब्बयाए नमः १५,
| हिके अचिराए नमः १६, ॐ सिरीए नमः १७, ॐ देवीए नमः १८, ॐ पभावईए नमः १९, ॐ पउमावईए नमः २०,
निंद्यावर्तादि
पूजन विधि वप्पाए नमः २१, ॐ सिवाए नमः २२, ॐ वामाए नमः २३, ॐ तिसलाए नमः २४.
अहीं बधे 'नमः' शब्द पूजाना अर्थमां छे, प्रणाम अर्थमां नथी, एज प्रमाणे आगळ पण जाणवं. ४ . चोथा बलयमां - पूर्वादि प्रत्येक दिशाना २-२ कोष्ठकोमा -
ॐ रोहिणीए नमः १, ॐ पन्नत्तीए नमः २, ॐ वज्जसिंखलाए नमः ३, ॐ वज्जंकुसीए नमः ४, ॐ अपडिचक्काए नमः ५, ॐ पुरिसदत्ताए नमः ६, ॐ कालीए नमः ७, ॐ महाकालीए नमः ८, ॐ गोरीए नमः ९, ॐ गन्धारीए नमः १०, ॐ सब्वत्थ-महाजालाए नमः ११, ॐ माणवीए नमः १२, ॐ बइरुट्टाए नमः १३, ॐ अच्छुत्ताए नमः १४,
ॐ माणसीए नमः १५, ॐ महामाणसीए नमः १६. | ५ - पांचमां बलयना २४ कोष्ठकोमां नीचे प्रमाणे नाममंत्रोच्चारण पूर्वक लोकान्तिक देवोनी वासचूर्ण बडे पूजा करवी
ॐ सारस्वतेभ्यो नमः १, ॐ आदित्येभ्यो नमः २, ॐ वह्निभ्यो नमः ३, ॐ वरुणेभ्यो नमः ४, ॐ गर्दतोयेभ्यो | नमः ५, ॐ तुपितेभ्यो नमः ६, ॐ अव्यावाधेभ्यो नमः ७, ॐ अग्न्याभेभ्यो नमः ८, ॐ रिष्टेभ्यो नमः ९, ॐ सूर्याभेभ्यो | "
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