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________________ || जिनबिम्ब प्रवेश विधिः ॥ मुहूर्त पहेलाना १० दिवसथी पचीना १० दिवस पर्यन्त घरधणीए ब्रह्मचर्य पालवू, भूमिशयन करवू, एकाशन करवू, अने १० दिवस || कल्याण पर्यन्त घरमा एक एक जणे आयंबिल कर, १० दिवस सुधी सवारे सांजे १०८ नवकार अने १०८ उवसर्गहर घरधणीए गणवा, अथवा कलिका. तो नवकार अने भयहर 'नमिऊण' स्तोत्रनी फूल गुंथणीए माला गणवी, अने जे भगवान पधराव्या होय तेमना नामनो पण १०८ खं० २॥ वार जाप करवो. इति बिंब गृहप्रवेशविधि. __श्री जिनबिम्ब गृहप्रवेशविधि (४) पूर्वोक्त बिम्ब प्रवेशविधि बिंबना देवालय प्रवेशनी छे. पण बिम्बनो गृहप्रवेशविधि एथी बहु भिन्न नथी. गृहप्रवेशने अंगे ए विधिमां | Ne! जे नाम मात्रनो फरक छे, ते नीचे आपीये छीये. विधिकारोए ए भेदने लक्ष्यमा राखीने विधि कराववी. १ जे घरमा जे वर्षे वरप्रवेश थयो होय ते घरमां ते वर्षे बिम्बप्रवेश थई शकतो नथी, ए ध्यानमा राखीने प्रवेश मुहूर्त लेवू. २. देवालयना बिम्बप्रवेशमा प्रतिमाने सामैयुं करवा, वधावबा, पुंखवा, स्थापना आदिनां कार्यों चढावो बोलीने संघनो आदेश लेनाराओना हाथे कराय छे. ज्यारे गृहबिम्बप्रवेशमा ए बधी क्रियाओ घरधणी अथवा तेना परिवारना हाथे करवानी होय छे. ३- देवालयना बिम्ब प्रवेशमा जे आसन उपर प्रतिमा प्रतिष्ठित करवानी होय छे, ज्यां पंचरत्न आदि स्थापन करी उपर कूर्मस्थापवानुं विधान कराय छे. ज्यारे घरमां प्रतिमा स्थापवानी विधिमां पीठy (पबासण-) पूजन नीचे प्रमाणे करवानुं छे.. मुहूर्तनी वेला आवे त्यां सुधी उभा उभा "ॐ पुण्याहं पुण्याहं' इत्यादि बोलतां पबासण उपर कंकुनो साथियो करी ॐ कूर्म निजपृष्ठे जिनबिम्बं धारय धारय स्वाहा । १. सं. १५४२ वर्षे लिखित गुणरत्नसूरिकृत प्रतिष्ठाकल्प अने श्री विशालराजशिष्यकृत प्रतिष्ठाकल्पना आधारे आ (श्री बिंबगृहप्रवेशविधि) उद्धृत करी छे, ANT GES ॥६१ ॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001723
Book TitleKalyan Kalika Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKalyanvijay Gani
PublisherK V Shastra Sangrah Samiti Jalor
Publication Year1986
Total Pages660
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, Ritual, Shilpvastu, & Muhurt
File Size11 MB
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