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पृष्टाङ्क
५५५
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५५९
[कल्याण-कलिका-प्रथमखण्डे ग्रन्थविषय चद्रबलनी श्रेष्ठता
५५१ लग्नषड्वर्ग:--
५५२ षड्वर्गमां नवमांशनी विशिष्टतालग्नबल
५५३ लग्नबलनो सारांशउदयास्तशुद्धि
५५५ उदयास्त शुद्धौ आरंभसिद्धि
५५६ उदयास्त शुद्धि विष व्यवहारप्रकाशनिर्बल अने त्याज्य लग्न
५५७ कया ग्रहो कया स्थानोमां न जोइयेक्ररकतरा दोषक्रूरकर्तरीस्थित लग्न तथा चन्द्र अने अनो परिहारसापवाद क्रूरयुतिजामित्र नामक लग्नदोषशुभग्रहकृत लग्नगत दोषभंगचंद्रतारा बलचंद्रबल-ताराबलनो समयविभागअशुभतारानो परिहार
५६८ दुष्टताराना अपवादघोतचंद्र ए शुं छे ?
५६९ प्रासादादि वास्तु मुहूर्ती
५७३ गृहारंभ मुहूतभूम्यारंभ मुहूर्त
५७४ वास्त्वारंभना सौरमासौ
५७४ गृहनिर्माणना महीना
५७५
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५६४
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