________________
३६८
३७०
م
س
[कल्याण-कलिका-प्रथमखण्डे ग्रन्थविषय
पृष्टाङ्क गुरुशुक्रस्तापवादे गर्ग गुरु वक्रत्व दोष वक्री ग्रह बलवान के निर्बल नाग वास्तु चक्र मुञ्जादित्यनिवन्धे शिल्पशास्त्रानुसारी शेषस्थिति चक्रम्
३७४ अर्वाचीन ज्योतिष ग्रन्थानुसारी शेषस्थितिच दिशाओमां खात करवानो प्राचीन क्रम
३७५ १ थी सात प्रकारना ऋषभवास्तुचक्रो
३७६ निशान्तचक्र कूर्मचक्र जल-कूर्मचक्र कोष्टक गृहद्वारशाखा चक्र प्राकार- देवतायतनद्वार वत्सचक्र देवालयद्वारचक्र वत्सने अंगे विशेष विधान वत्सस्थितियन्त्रकम् राहुढं निरूपण चक्रसहित
३८७ स्तंभचक्र
३८८ मोभचक्र
३८९ आमलसारास्थापनचक्र कलशचक्र १ थी ४ प्रकारनां तिथि
३९३ तिथिविधेयक कार्यो
३९४ कुलोपाल तिथिओ
३९९
د س
ه
:
३८६
३८९
३९०
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org