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[ कल्याण-कलिका-प्रथमखडे
॥ वृहत्संहितोक्त ८१ पद वास्तु ।।
प|ज | इ सू स भू अं दिनि आ जइ. सू स | भृ सा अदि-अदि आब अ अ अ स वि| भुज भुज पृ-धबबब विव वृक्ष | सो प्रधान बब विव. य भधबबब विव गंध गंध: मु राय मि | मि मि|इ , ।, रुद्र शो| असुव पु.द| सुज
उत्तरा
दक्षिणा
पश्विमा
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