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[कल्याण-कलिका-प्रथमखण्डे
निर्वाणकलिकोक्त ६४ पदवास्तुमंडलमां मर्मोपमर्मादिअंकविवरण
समजण
संख्या वादि
अंक | नाम
कर्णसूत्ररजु
-
कर्णसूत्र
| वय
-
| महामर्म | अष्टसूत्रसंपात ।
ममें
षट्सूत्रसंपात
मर्म
पंचसूत्रसंपान
मर्म
चतुःसूत्रसंपात त्रिसूत्रसंपात
-
-
७ । उपमर्म
उपमर्म
निर्वाणकलिकामा ७-८ आंकवाला त्रिसूत्रसंपातजनित उपमर्मोने उपमर्मसंज्ञक गणावी तेमनी संख्या २४ वतावी छे. वास्तुविद्यामा ८ नंबरवाला उपमर्मोने ते कोणगत होवाथी उपमर्मान्तक एवी संज्ञा आपी जूदा पाड्या छे. तेथी तेमां त्रिसूत्रसंपातजनित उपमहे २० कह्या छे.
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