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अहँ नमः सकलागमरहस्यवेदी परमगीतार्थ स्व. आ. श्री विजयदानसूरीश्वरेभ्यो नमः | महान शास्त्रकार आचार्यदेव श्री हरिभद्रसूरीश्वरजी महाराज रचित
श्री चैत्यवंदनसूत्र-वृत्ति
* श्री ललितविस्तरा
दर्शननिष्णात आचार्यदेव श्री मुनिचन्द्रसूरीश्वरजी विरचित
श्री पञ्जिका टीका
उन उभय ग्रन्थ की हिन्दी-विवेचना प्रकाश'
हिन्दी-विवेचनकार सिद्धान्तमहोदधि सुविहितश्रमणगच्छाधिपति परमपूज्य आचार्यदेवश्री विजय प्रेमसूरीश्वरजी महाराज के शिष्यरत्न विद्वदर्य न्यायनिपुण
पंन्यासप्रवर श्री भानुविजयजी गणिवर (स्व. आचार्यश्री भुवनभानुसूरीश्वरजी म.)
भूमिका लेखक माननीय श्री संपूर्णानन्दजी महोदय
राज्यपाल, राजस्थान
परिचय लेखक प्रोफेसर डॉ. पी. एल. वैद्य, र.ऋक. ख्य.
वाडिया कोलेज, पूना
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