SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 76
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ आचारदिनकर (खण्ड-३) 32 प्रतिष्ठाविधि एवं शान्तिक-पौष्टिककर्म विधान करते हैं। नंद्यावर्त्त मांडले के आलेखन में मध्य में नंद्यावर्त बनाकर उसके बाहर क्रमशः दस वलय बनाए जाते हैं। नंद्यावर्त के दाईं ओर सौधर्मेन्द्र की, बाईं ओर ईशानेन्द्र की तथा नीचे की तरफ श्रुतदेवता की स्थापना करें। सौधर्मेन्द्र के शरीर का वर्ण पीत है, वह चार भुजा वाला, गज की सवारी करने वाला, पाँच वर्ण के वस्त्र पहनने वाला है। उसके दो हाथ अंजलिबद्ध हैं, एक हाथ अभयमुद्रा में तथा दूसरा हाथ वज्र से युक्त है। ईशानेन्द्र श्वेत वर्ण वाला, बैल की सवारी करने वाला, नीले और लाल रंग के वस्त्र को धारण करने वाला एवं चार भुजा वाला है। उसके एक हाथ में जय (पताका) और दूसरे हाथ में धनुष है तथा शेष दो हाथ अंजलिबद्ध हैं। श्रुतदेवी श्वेत वर्ण वाली, श्वेतवस्त्र धारण करने वाली, हंस की सवारी करने वाली, श्वेत सिंहासन पर बैठने वाली (आसीन), . भामण्डल से सुशोभित एवं चार भुजा वाली हैं। उसके बाएँ हाथ में श्वेत कमल एवं वीणा है तथा दाएँ दो हाथों में पुस्तक एवं मोतियों की माला है। नंद्यावर्त्त की परिधि को वलय से वेष्टित करें। परिधि से बाहर आठ गृह बनाएं तथा उन आठ दलों में निम्नांकित मंत्रपूर्वक क्रमशः पंचपरमेष्ठी एवं रत्नत्रय की स्थापना करें - “नमोऽर्हद्भ्यः स्वाहा, ॐ नमः सिद्धेभ्यः स्वाहा, ॐ नमः आचार्येभ्यः स्वाहा, ॐ नमः उपाध्यायेभ्यः स्वाहा, ॐ नमः सर्वसाधुभ्यः स्वाहा, ऊँ नमो ज्ञानाय स्वाहा, ऊँ नमो दर्शनाय स्वाहा, ऊँ नमः चारित्राय स्वाहा।" तत्पश्चात् वृत्त में एक वलयाकार परिधि बनाएं। उसके बाहर चारों दिशाओं में चौबीस पंखुड़ियों की स्थापना करें। उन पंखुड़ियों में क्रमशः निम्न मंत्रपूर्वक चौबीस तीर्थंकरों की माताओं की स्थापना करें १. ऊँ नमो मरुदेव्यै स्वाहा २. ऊँ नमो विजयायै स्वाहा ३. ऊँ नमः सेनायै स्वाहा ४. ऊँ नमः सिद्धार्थायै स्वाहा ५. ऊँ नमो मंगलायै स्वाहा ६. ऊँ नमः सुसीमायै स्वाहा ७. ॐ नमः Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001720
Book TitlePratishtha Shantikkarma Paushtikkarma Evam Balividhan
Original Sutra AuthorVardhmansuri
AuthorSagarmal Jain
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2007
Total Pages276
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, Ritual, Religion, & Vidhi
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy