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आचारदिनकर (खण्ड-३) 17 प्रतिष्ठाविधि एवं शान्तिक-पौष्टिककर्म विधान अहिंनी ७५. कर्दमपुष्पी ७६. करवीर ७७. रक्तकरवीर ७८. धत्तूरक ७६. यवानी ८०. शतपुष्पा ८१. लशुन ८२. पलांडु ८३. वराही ८४. मांसरोहिणी ८५. कुलत्थिका ८६. जतुका ८७. पुष्पांजन ८८. वृद्धदारू ८६. वालमुट ६०. वंध्याककौटकी ६१. त्रिपत्रिका ६२. शंखपुष्पी ६३. अश्वखुर ६४. बंधन ६५. पिंडीतक ६६. स्वर्णक्षीरी ६७. सिंदुबार ६८. अश्वगंधा ६६. मदयंती १००. शृंगराज १०१. शिरीष १०२. अगस्ति १०३. नली १०४. मन्दारक १०५. हिंताली १०६. मोहिनी १०७. गोधापदी १०८. महाश्यामा १०६. देवगंधा ११०. विटिका १११. दुर्गधिलिका ११२. आघाटक ११३. स्वर्णपुष्पी ११४. लक्ष्मणा ११५. वज्रशूल ११६. पलंकषा ११७. दधिपुष्पी ११८. कुर्कटपाद ११६. गोजिला १२०. तुनहिका १२१. कस्तूरी १२२. कर्पूर १२३. जातिपत्री १२४. जातीफल १२५. कक्कोलक १२६. लवंग १२७. नटी १२८. दमनक १२६. मुरा १३०. कर्नूर १३१. तुंबरु १३२. मालती १३३. मल्लिका १३४. यूथिका १३५. सुवर्णयूथिका १३६. वासंती १३७. चंपक १३८. बकुल १३६. तिलक १४०. अतिमुक्तक १४१. कुमारी १४२. तरणी १४३. कुंद १४४. अट्टहास १४५. अतसी १४६. कोरंटक १४७. सुबंधा १४८. हिंगुल १४६. मनःशिला १५०. गंधक १५१. गैरिक १५२. खटिका १५३. हरिताल १५४. पारद १५५. सौराष्ट्री १५६. गोरोचन १५७. तुबरी १५८. विटमाक्षिक १५६. अभ्रक १६०. वाताम १६१. दांति १६२. कारवेल्ल १६३. कौशी १६४. मुंडी १६५. महामुंडी १६६. पुपुनाड (प्रपुन्नाड) १६७. बोल १६८. सिंदूर १६६. शंखप्रस्तरी १७०. शृंगाटक १७१. रोध्र १७२. कांपिल्ल १७३. हंसपदी १७४. करमंद १७५. छुनीरा १७६. घुनीरा १७८. सेसकी १७६. चोअ।
पृथ्वी पर रोगों का हरण करने वाली जो भी अप्रसिद्ध औषधियाँ हैं, वे सब क्रियाणकों में समाविष्ट हैं - शेष सब वस्तु कही जाती हैं। क्रियाणकों का बाहुल्य हैं, इसलिए यहाँ उनके नामों का उल्लेख किया गया है, लाभालाभ की अपेक्षा से उनमें से कुछ ग्राह्य
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