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________________ आचारदिनकर (खण्ड-३ ) प्रतिष्ठाविधि एवं शान्तिक- पौष्टिककर्म विधान “ॐ नमः श्रीचन्द्राय ज्योतिष्केन्द्राय श्रीचन्द्र सायुधः मंत्र सवाहनः ... शेष पूर्ववत् ।" शक्र इन्द्र की पूजा के लिए छंद छंद 69 पाणिप्रापितवज्रखण्डितमहादैत्यप्रकाण्डस्थितिः । पौलोमीकुचकुम्भसंभ्रमधृतध्यानोद्यदक्षावलिः श्रीशक्रः क्रतुभुक्पतिर्वितनुतादानन्दभूतिं जने । । “ ( शार्दूलविक्रीडितं ) मंत्र "ॐ नमः श्रीशक्राय सौधर्मकल्पेन्द्राय श्रीशक्र सायुधः सवाहनः सपरिच्छदः सामानिकाङ्गरक्षत्रयस्त्रिंशल्लोकपालानीकप्रकीर्णिकाभियोगिककैल्बिषिकयुतः इह प्रतिष्ठामहोत्सवे शेष पूर्ववत् ।" ईशान इन्द्र की पूजा के लिए "ईशानाधिपते श्रीतीर्थंकरपादपङ्कजसदासेवैकपुष्पव्रतः । ककुद्मदयनश्वेताङ्गशूलायुधः छंद सम्यक्त्वव्यतिरेकतर्जितमहामिथ्यात्वविस्फूर्जितः Jain Education International — ....... यज्ञध्वंसवरिष्ठविक्रमचमत्कारक्रियामन्दिर समस्तविघ्ननिवहं द्रागेव दूरीकुरु ।। " मंत्र "ॐ नमः श्रीईशानाय ईशानकल्पेन्द्राय श्रीईशान इह प्रतिष्ठामहोत्सवे ..... शेष पूर्ववत् । सनत्कुमार इन्द्र की पूजा के लिए छंद मंत्र “किरीटकोटिप्रतिकूटचंचच्चामीकरासीनमणिप्रकर्षः । सनत्कुमाराधिपतिर्जिनार्चाकाले कलिच्छेदनमातनोतु । " "ऊँ नमः श्रीसनत्कुमाराय सनत्कुमारकल्पेन्द्राय श्रीसनत्कुमार इह प्रतिष्ठामहोत्सवे ..... शेष पूर्ववत् । महेन्द्र इन्द्र की पूजा के लिए “महैश्वर्यो वर्यार्यमकिरणजालप्रतिनिधिप्रतापप्रागल्भ्या द्भुतभवनविस्तारितयशाः। चमत्काराधायिध्वजविधुततोरासमुदयः ध्वजिन्या दैत्यान् घ्नन् सपदि स महेन्द्रो विजयते । ।" मंत्र “ॐ नमः श्रीमहेन्द्राय माहेन्द्रकल्पेन्द्राय श्रीमहेन्द्र इह प्रतिष्ठामहोत्सवे ..... शेष पूर्ववत् । ब्रह्मन् इन्द्र की पूजा के लिए - श्रीसंघस्य For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001720
Book TitlePratishtha Shantikkarma Paushtikkarma Evam Balividhan
Original Sutra AuthorVardhmansuri
AuthorSagarmal Jain
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2007
Total Pages276
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, Ritual, Religion, & Vidhi
File Size16 MB
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