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वइराय - वैराग्य वइरायभाव- वैराग्यभाव
वइरायल - वैराग्ययुक्त वइरि-वैरी, शत्रु वइरियण - वरीजन
२२३
वइव - वैवस्वत ( यमराज )
६।११।४
इसम इस - उप् + विश् ( बैठूं ) १।१५१८,
२।६।११, २।२१।९ १।१४१२
१०।१६।५
२/२०१८
३।२२।३
१।१३।६
७१११४
२२०१६
४।६।७
७१०१९
५।३।५
वज्जर- कथ् इत्यर्थे देशी ( धातु ) वज्जसेणु-वज्रसेन ( उज्जयिनीका राजा ) ७।१०।९ वज्जिउ-वर्जित ( छोड़कर )
२।६।६
१०११८ ११
वज्जंग - वाधांग ( कल्पवृक्ष ) वट्टणु-वरतन
१० ३९/६
लगिरि - बहुलागिरि
वड्ढइ - V वृध + इ वड्ढए - / वृध + इ
वड्ढमाण - वर्धमान (१ पुष्पिका) (२ पुष्पिका) ( ३ पुष्पिका) (४ पुष्पिका) (५ पुष्पिका ) ( ६ पुष्पिका ) ( ७ पुष्पिका ) ( ८ पुष्पिका) ९।१६।१०, ( ९ पुष्पिका) १०।४१।६ ( १० पुष्पिका ) वड्ढारिउ-वर्धापयित
वउ-वपु
वक्खारगिरि - वक्षारगिरि
वच्चइ - / व्रज + इ = वच्छत्थलु - वक्षस्थल
वच्छर-वत्सर
वच्छा - वत्सा (देश)
वज्ज-बाजा
वज्जदाढ - वज्रदाढ़ ( नामक योद्धा ) वज्जपाणि-वज्रपाणि ( इन्द्र )
वडमूल-वट- मूल
वडवाणलु - वडवानल
वडव - वटुक
२।१४।६ वणयर- वनचर
३|४|४
वणवाल - वनपाल
३।५।१
वणसइकाय - वनस्पतिकाय
१।११।२, ११२६, २|४|१३
वणि-वन वणिउ-वणिक
वणियण - वणिक्जन
वणिवाल - वनपाल
वणीसरु - वणीश्वर, वणिक् श्रेष्ठ वर्णमयंगु-वन्यमतंग
वणंतरे-वनके मध्य में
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वडुमाणचरिउ
= पहुँचना
वण-वन
वणगयंद - वन्यगजेन्द्र वणमज्झ - वन के मध्यमें वण-मयंग - वनमतंग
१०।१६।८
२१२।१०
२।३।७
४२११२
९।१७/६
४।१७।३
१०२२
१।१२८
२८१
२।१०।१०
१०६८
वत्थ-वत्स
वत्थु - वस्तु
वप्प - बाप रे ( ध्वन्यात्मक ) वमंत - वम + शत्रू, वमन, के
वय - वचन
वय - व्रत
वयण-वचन
वयणा-वदन, मुख
वयाहरण-व्रताभरण
वर - उत्तम
वरइ-वरण ( करना )
वरतणु - वरतनु ( देव )
वरय- श्रेष्ठ
वरलक्खण- उत्तम लक्षण
वरविवेउ-वर विवेक
वराउ - वराक, बेचारा वराह - वराह ( पर्वत ) वरिसिय- वर्षित
वरु-वर (पति) वल्लरी-वल्लरी, लता
वल्लहु-वल्लभ वल्ली - वल्ली, लता
वलक्ख-वलाक्ष ( धवल )
वलहद्द - बलभद्र ( विजय )
वलित्तए - वलित्रय, त्रिवलि
वल-बलदेव
वव्वर-वर
वस -बसा
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४।१३॥७
३।१२।१
१०।७१९
२।३।१९
२१६
११४१९, ४१२४।३
२।३।१७
२1१०१५
५/२०१५
२।६।७
१०११७१०
१।१४।३
५|४|१४
५।१३।१५
१०१५/३
१।११९, २।११।१
१1९1११, २।१६
२१५१८
१।१०१५
२।१४।१
५१३८
६।११५
१।१।९
१।१७११३
११५१३
३।१६।१२
२७६
२1१०1१
५1३1८
२।३।१४
२२२५, ५/३६
१।१५।६
१०1१८1९
५।९।१५
९।९।२
५।२०।१०
१०।१९।५
६।१५।२
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