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________________ शब्दानुक्रमणिका ३२९ धणय-धनद (कुबेर) २।१३।७,८।४।९ धविय-धवा (बुन्देली-धौ) वृक्ष ४।११।१६ धणवइ-कुबेर ( धनपति ) ९।६।२, ९।८।६, धाइयसंडि-धातकीखण्ड (द्वीप) ७।१।१ १०।३।१० धादइसंडु-धातकीखण्ड (द्वीप) १०।९।५ धणगुणु-धनुषको डोरी ५।२१।१२ धारमि-Vधृ-धारण करना २।२१।१० धणाओरिया-धनापूरित ३।११।१२ धारालउ-धारावलि (चक्र) ५।२३।२ धणुलय- धनुर्लता ५।१२।९ धारिउ-धृत (धारण) २।२।११ धणंधउ-धनध्वजा (धनकी ध्वजा) २।१८३ धारिणि-धारिणी (चक्रवर्ती भरतकी महारानी) धणंधए-स्तनन्धय ९।२२।२ २।१३।११ धत्थ-ध्वस्त २।३।४ धारिणि-Vधृ+ इणि (धारण कर) २।१३।११ धन्न-धन्य ८1८८ धारेविणु-Vधृ+ एविणु (धारण कर) २।१९।२ धम्म-धर्मनाथ (तीर्थकर) १।१।१० धावमाण-V धाव + शानच् (दौड़ते हुए) १।४।११ धम्म-धर्म २।६।९ धावेवि- धाव + इवि (दौड़कर) २।५।५ धम्म-चुओ-धर्म-च्युत २।१५।९ धावंत-/ धाव + शतृ (दौड़ते हुए) ३।११।१२ धम्मधओ-धर्म-ध्वजा (धर्मकी ध्वजा) २।१५।२ धिदि-धृति (देवी) ७।८।९ धम्भ-सामि-धर्म-स्वामिन् (धर्मका रक्षक) २।१०।५ धिम्मूढि-धिग्मूढ़ ८1८।१३ धम्म-चक्क-धर्मचक्र ९।२३।११ धीय-धूता, दुहिता (पुत्री) ६।६७ धम्म-हर-धर्मधर (पुत्र) ८।१३।१२ धीरयरु-धीरतर २।५।१ धम्माणुरत्त-धर्मानुरक्त (धर्ममें अनुरक्त) १।१२।९ धीरवाणि-धीर वाणी ३।१२।११ धम्मामउ-धर्मामृत ११११० धीरु-धीर १।१३।२ धयपंति-ध्वजा-पंक्ति २।१८।९ धीवरो-बुद्धि श्रेष्ठ ३२६७ धयवड-ध्वजा-पताका ३।२।४।१०।६।८ धुणिवि-Vधुन् + इवि (धोकर) २।२२।१५ धयवडु-ध्वजा-पट ५।१७।१८ धुत्तु-धूर्त (कुशल, उद्यत) ३।५।८ धर्म-द्रव्य १०.३९।३ धुत्तु-धूर्त (कुशल) १७.१०,५३८७ धर-धरा (पृथ्वी) ३।१२।१० धुपंत-/ धाव + शतृ-दौड़ते हुए, उड़ते हुए धरग्गु-धरान (पृथ्वीका अग्रभाग) ३।३।४ (तीव्र वेगसे दौड़ना) २।१११ धरण-धरणेन्द्र (देव) ५।२३।३ धुव-ध्रुव, निश्चल २७।११ धरणिणाह-पृथिवीनाथ ३।२४।८ धूण-Vधुन् (ध्वस्त) १०॥३४॥३ धरणियल-धरणीतल ११७६ धूम-धूम्र (धुआँ) १०७६ धरणियलु-धरणीतल ३।५।२ धूमप्पहा-धूमप्रभा (नामका नरक) १०।२३।२ धरणिहर-धरणीधर (पर्वत) १०।१६।५ धूमालउ-धूम्रालय (नामका विद्याधर) ४।६।१३ धरणीयल–पृथ्वीतल १।४।१,१११११३ धूमावलि-धूम्रावलि (अग्नि) ४।१४।१०,५।२२।१० धरणीसरु-धरणीश्वर २१४९ धूमसिह-धूमशिख (नामक विप्र) ५।१८६ धरिय-धृत (धारण) १११३५ धूव-धूप ९।१०।१७ धरित्ति-धरित्री, धरती, पृथिवी ९।१२४ धूसर-धूसर (वर्ण) १०१७।२ धरे-धरे-ध+लोट (To hold in order धेणु-धेनु ३१६७ to prevent), पकड़ो-पकड़ो ६।११।११ धवलिय-धवलित ११७६,१।११।३,३।३।४ न्हाविउ-स्नापित (अभिषेक) २।१२।५ धवल-छत्त-धवल-छत्र ४।२०।१३ नण्णु-नान्यः (अन्य नहीं) ५।२।६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001718
Book TitleVaddhmanchariu
Original Sutra AuthorVibuha Sirihar
AuthorRajaram Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1975
Total Pages462
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Story, Literature, & Religion
File Size9 MB
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