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________________ प्रति-परिचय विषय सूची [ प्रस्तावना ] D. प्रति-परिचय D. प्रतिकी विशेषताएँ V. प्रति - परिचय V. प्रतिकी विशेषताएँ ग्रन्थकार - परिचय, नाम एवं काल-निर्णय Jain Education International १. श्रीधर नामके ज्ञात आठ कवियों में से 'वड्ढमाणचरिउ' का कर्ता कौन ? २. रचना-काल ३. जीवन-परिचय एवं काल-निर्णय ४. आश्रयदाता ५. रचनाएँ (१) चन्द पहचरिउ दोनों अनुपलब्ध (२) संतिजिणेसरचरिउ (३) पासणाहचरिउ : संक्षिप्त परिचय और मूल्यांकन (४) वडमाणचरिउ (५) सुकुमालचरिउ : संक्षिप्त परिचय और मूल्यांकन (६) भविसयत्तकहा : संक्षिप्त परिचय और मूल्यांकन वड्ढमाणचरिउ : समीक्षात्मक अध्ययन १. मूल कथानक तथा ग्रन्थ-संक्षेप २. परम्परा और स्रोत ३. पूर्व-कवियों का प्रभाव ४. वि. सं. ९५५ से १६०५ के मध्य लिखित कुछ प्रमुख महावीर चरितोंके घटनाक्रमोंकी भिन्नाभिन्नता तथा उनका वैशिष्ट्य ५. वडमाणचरिउ : एक पौराणिक महाकाव्य ६. अलंकार - विधान ७. रस- परिपाक ८. भाषा ९. लोकोक्तियाँ, मुहावरे एवं सूक्तियाँ For Private & Personal Use Only १-३ १ v r r m २ २ ३ ३-२१ ९ १० १० १५ १५ १७ लु २१-७३ २१ ३० ३२ ३४ ३५ ३७ ४२ ४५ ५० www.jainelibrary.org
SR No.001718
Book TitleVaddhmanchariu
Original Sutra AuthorVibuha Sirihar
AuthorRajaram Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1975
Total Pages462
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Story, Literature, & Religion
File Size9 MB
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