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________________ प्रवचन-सारोद्धार १३६ १३१ १२३ १२४ १०२५ १०२६ १०२७ १०२८ १०२९ १२७ 0 १०३० १०३१ m १०३२ ११३३ ११३४ १३०३ जीवसमास जीवसमास जीवसमास जीवसमास जीवसमास जीवसमास जीवसमास जीवसमास जीवसमास जीवसमास जीवसमास जीवसमास जीवसमास जीवसमास जीवसमास जीवसमास जोइसकरंडग पइण्णयं जोइसकरंडग पइण्णयं जोइसकरंडग पइण्णयं ज्योतिष्करण्डक प्रकीर्णक ज्योतिष्करण्डक प्रकीर्णक ज्योतिष्करण्डक प्रकीर्णक तित्थोगालीपइण्णयं तित्थोगालीपइण्णयं तित्थोगालीपइण्णयं our 3 2 प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार ० ० ० ० ० ० or m Mmmm m m m ०० mm ० ० ० १३९१ १३९४ १०३ १३९० m mom १३९१ १०३४ १०२० १२ १३९१ १०२५ १०३४ १०३६ * डॉ. श्री प्रकाश पाण्डे द्वारा निर्दिष्ट गाथाओं के क्रमांक मुनि पद्मसेन विजयजी द्वारा दिये गये गाथा क्रमांक से भिन्न है। हो सकता है यह भिन्नता संस्करण भेद के कारण हो इनमें दस गाथाओं का अन्तर है। पद्मसेन विजयजी के संस्करण में इनका क्रमांक क्रमश: ७३.७४ एवं ८५ है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org.
SR No.001717
Book TitlePravachana Saroddhar Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHemprabhashreeji
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2000
Total Pages522
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Religion, & Principle
File Size8 MB
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