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________________ प्रवचन - सारोद्धार २७ द्वार : २४ तीर्थंकरों की यक्षिणियाँ - क्र.सं. वर्ण १. सुनहरा २. ३. ४. ५. نوں ७. ८. ९. नाम चक्रेश्वरी (अप्रतिचक्रा) अजिता (अजितबला) दुरितारि काली महाकाली अच्युता (श्यामा) शान्ता ज्वाला (भृकुटि) सुतारा Jain Education International देवीओ चक्केसरि अजिया दुरियारि कालि महाकाली । अच्चुय संता जाला सुतारयाऽसोय सिरिवच्छा ॥ ३७५ ॥ पवर विजयंकुसा पण्णत्ती निव्वाणि अच्चुया धरणी । वइरोट्टऽछुत्त गंधारि अंब पउमावई सिद्धा ॥ ३७६ ॥ -विवेचन गौर गौर श्याम सुनहरा वाहन गरुड़ पीला लोहासन (जीव- विशेष) मेष (भेड़) पद्म पद्म श्याम नर सुनहरा गज बिडाल ( वरालक) वृषभ हाथ ८ ४ ४ ४ ४ ४ ४ ४ ४ अधिष्ठायिका हाथ में क्या ? ४ दायें हाथों में वरद, बाण, चक्र, पाश ४ बायें हाथों में धनुष, वज्र, चक्र, अंकुश २ दायें हाथों में वरद, पाश २ बायें हाथों में बीजोरा, अंकुश २ दायें हाथों में वरद, अक्षमाला २ बायें हाथों में फल, अभयमुद्रा २ दायें हाथों में वरद, पाश २ बायें हाथों में नाग, अंकुश २ दायें हाथों में वरद, पाश २ बायें हाथों में मातुलिंग, अंकुश २ दायें हाथों में वरद, बाण ( वीणा ) २ बायें हाथों में धनुष, अभयमुद्रा २ दायें हाथों में वरद, अक्षसूत्र २ बायें हाथों में त्रिशूल, अभयमुद्रा १७५ २ दायें हाथों में खड्ग, मुद्गर --२ बायें हाथों में फलक, (दाल), फरसा २ दायें हाथों में वरद, अक्षसूत्र २ बायें हाथों में कलश, अंकुश For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001716
Book TitlePravachana Saroddhar Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHemprabhashreeji
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1999
Total Pages504
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Religion, & Principle
File Size8 MB
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