________________
४२२
जैन दर्शन में त्रिविध आत्मा की अवधारणा
| ग्रन्थ, लेखक/सम्पादक/प्रकाशन तिथी
प्रकाशक/प्राप्ति स्थान परमात्मप्रकाश (संस्कृत वृत्ति एवं परमश्रुत प्रभावक मण्डल, रायचन्द्र जैन हिन्दी भाषा टीका सहित), द्वितीय । शास्त्रमाला, जौहरी बाजार, संस्करण -योगिन्ददेव;
बम्बई २ -सम्पा.: आदिनाथ नेमिनाथ उपाध्ये (वि. सं. २०१७) पुरुषार्थसिद्ध्युपाय (हिन्दी अनुवाद भा.जै.सि.प्र.सं., सहित) - अमृतचन्द्र सूरि (वीर सं. कलकत्ता २४५२) प्रज्ञापनासूत्र-पण्णवणासुत्तं - सम्पादकः । श्री महावीर जैन विद्यालय, मुनि श्रीपुण्यविजयजी आदि (१६६६) बम्बई प्रमेयकमलमार्तण्ड (द्वितीय संस्करण), | निर्णय सागर प्रेस -प्रभाचन्द्राचार्य; - सम्पादकः पण्डित महेन्द्रकुमार शास्त्री (१६४१) प्रवचन रत्नाकर, -डॉ. हुकमचन्द
| पं. टोडरमल स्मारक ट्रस्ट, जयपुर भारिल्ल प्रवचनसार (तृतीय आवृत्ति)
परमश्रुत प्रभावक मण्डल, श्रीमद् -कुन्दकुन्दाचार्य; सम्पादकः आ.ने. राजचन्द्र जैन शास्त्रमाला, अगास उपाध्ये (१६६४) प्रशमरतिप्रकरण (हिन्दी टीका सहित रायचन्द्र जैन शास्त्रमाला, परमश्रुत प्रभाव प्रथम संस्करण) उमास्वाति (१९५०) मण्डल, बम्बई बरह भावना : एक अनुशीलन, -डॉ. पं. टोडरमल स्मारक ट्रस्ट, जयपुर हुकमचन्द भारिल्ल बौद्धदर्शन तथा अन्य भारतीय दर्शन, बंगाल हिन्दी मण्डल, रॉयल एक्सचेंज भाग १-२ - भरतसिंह उपाध्याय (वि. प्लेस, सं. २०११)
कलकत्ता बौद्धदर्शन में आत्म परीक्षा, (शोध बिहार विश्वविद्यालय, प्रबन्ध) - डॉ. महेश तिवारी
मुजफरपुर (अप्रकाशित) बौद्ध धर्म दर्शन (प्रथम संस्करण) बिहार राष्ट्रभाषा परिषद, सम्मेलन -आचार्य नरेन्द्रदेव
भवन, पटना ब्रह्मसूत्र (श्री शांकरभाष्य) प्रथम चौखम्भा विद्या भवन, वाराणसी संस्करण (१९६४) बृहद्कल्पनियुक्ति - पुण्यविजयजी बिहार राष्ट्रभाषा परिषद, पटना बृहद्कल्पभाष्य - पुण्यविजयजी (१९३३) | आत्मानन्द जैन सभा, भावनगर बृहदारण्यक उपनिषद् (सं.२०१४) | गीता प्रेस भगवतीआराधना - शिवकोट्याचार्य सखाराम नेमिचन्द, दिगम्बर जैन | (१६३४)
ग्रन्थमाला, शोलापुर
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org