SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 395
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३४४ १३. मद; १७. जन्म; और तीर्थंकर बनने की योग्यता : तीर्थंकर पद की उपलब्धि हेतु जीव को पूर्व जन्मों में विशिष्ट साधना करनी अनिवार्य होती है । जैनदर्शन में इस हेतु जिन विशिष्ट साधनाओं को आवश्यक माना गया है उनकी संख्या को लेकर श्वेताम्बर और दिगम्बर परम्परा में मतभेद है । दिगम्बर परम्परा में तत्त्वार्थसूत्र के आधार पर तीर्थंकर नामकर्म के उपार्जन हेतु निम्न १६ बातों की साधना को अनिवार्य माना गया है७१ : १. दर्शनविशुद्धि; २. विनयसम्पन्नता; ४. अभीक्ष्णज्ञानोपयोग; ५. अभीक्ष्णसंवेग; १७१ जैन दर्शन में त्रिविध आत्मा की अवधारणा १५. विस्मय; १६. निद्रा; १४. रति; १८. उद्वेग (अरति) । ७. यथाशक्ति तप; ८. संघ - साधु समाधिकरण; ६. वैयावृत्त्यकरण; १०- १३. चतुःभक्ति अरिहन्त, आचार्य, बहुश्रुत और शास्त्र; १४. आवश्यकापरिहाणि; १५. मोक्षमार्ग प्रभावना; और १६. प्रवचनवात्सल्य ८. ६. श्वेताम्बर परम्परा में ज्ञाताधर्मकथा के आधार पर तीर्थंकर परमात्मा के नामकर्म के उपार्जन हेतु निम्न २० बोलों की साधना को अनिवार्य माना गया है१७२ : १-७. अरिहन्त, सिद्ध, प्रवचन, गुरू, स्थविर, बहुश्रुत एवं तपस्वी इन सातों के प्रति वात्सल्य भाव रखना; ३. शीलव्रतानतिचार; ६. यथाशक्ति त्याग; अनवरत ज्ञानाभ्यास करना; जीवादि पदार्थों के प्रति यथार्थ श्रद्धारूप शुद्ध सम्यक्त्व का होना; १०. गुरुजनों का आदर करना; ११. प्रायश्चित एवं प्रतिक्रमण द्वारा अपने अपराधों की क्षमायाचना तत्त्वार्थसूत्र, ६ / २३, पृ. १६२ । १७२ ज्ञाताधर्मकथा १/८/१८ । करना; १२. अहिंसादि महाव्रतों का अतिचार रहित योग्य रीति से पालन Jain Education International करना; १४. १३. पापों की उपेक्षा करते हुए वैराग्यभाव धारण करना; बाह्य एवं आभ्यन्तर तप करना; १५. यथाशक्ति त्यागवृत्ति को अपनाना; १६. साधुजनों की सेवा करना; For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001714
Book TitleJain Darshan me Trividh Atma ki Avdharana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPriyalatashreeji
PublisherPrem Sulochan Prakashan Peddtumbalam AP
Publication Year2007
Total Pages484
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Soul
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy