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दिविजभूय-देवपर्याय
दिवि + अध्वनि + समासीन:आकाशमार्ग में स्थित
दिविज
देव
दिविषद्
देव
दिव्यदेह
वैक्रियिक शरीर दिव्यध्वनि मृदुलतालं कृतमुख
दिव्यामललोचन
दिव्यध्वनिकी कोमलतासे सुशोभित मुखवाले
अवधिज्ञानरूपी नेत्र
दिशावशावल्लभ
दिग्गज दीर्घनिद्रा
मृत्यु
दुर्गत
दरिद्र
देवदेव
भगवान् वृषभदेव
देवब्राह्मण
ब्राह्मण
देवमातृक
मेघवृष्टिपर निर्भर रहनेवाले देश
दोषाकर
दोषोंकी खान, चन्द्रमा
दोषाकरश्री
तटिनी
आकाशगंगा
सिन्धु
आकाशगंगा
ब्राक्षावली
दाखों का समूह
द्रोणी
दोषोंकी खानस्वरूप लक्ष्मी, चन्द्रमा
के समान लक्ष्मी
जहाज
५३
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परिशिष्टानि
१.४०.२८
१.१.१
७. (१).२५१ धर
४.५५.१७३
१.४०.२८
१.१.१
६.(३०).२३२
६.(६८).२४७
३.४५.११२
१. (७९).३७
६.१८.२३१
५. (५३).२१५
९.२२.३३७
१.१५.१०
द्विजराज -
१०.२३.३६०
४.३६.१६३
चन्द्रमा
१.४६.३०
पर्वत
धरा
पृथिवी
धराधिराज -
राजा वज्रजंघ
धीरतरधी
अत्यन्त गम्भीर बुद्धि
नखरांशुकान्त
१०.३०.३६४ नदीनबन्धु
नगेन्द्र
समुद्रबन्धु
७. (१२) २५७ नदीपबन्धु
नखोंकी कान्तिसे सुन्दर
नदवनज
नदीका कमल
नदीन
न चलनेवालोंमें श्रेष्ठ, पर्वतश्रेष्ठविजयार्ध
नदियोंका इन- स्वामी, दीन नहीं
समुद्रके समान,
नहीं
नदेश
समुद्र
नभश्चर
विद्याधर
नभोग
विद्याधर
नभोगता
[ ध ]
नमस्कारपद
[ न ]
णमोकार मन्त्र
भोगाभाव, आकाशगामिता
नरपालनिकाय
राजसमूह
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दीपक के
४.३३.१६२
४१७
५. (४१). २११
५. (४१). २११
४. (५४).१६४
३.१०.१०३
२. (१९).५७
१. (१३).८
४.३१.१६१
६.(१०).२२६
४. (२३). १५१
समान
४.४०.१६६
५. (७). १९२
७. (५०).२७५
१. ३०. २१
२.४६.८१
१. (८५).३९
९. (३५).३३८
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