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________________ ५. पुरुदेवचम्पूप्रबन्धस्य व्यक्तिवाचकशब्दानुक्रमणी [ शब्दोंके आगे दिये हुए तीन अंकोंमें पहला अंक स्तबक, दूसरा अंक श्लोक तथा गद्य और तीसरा अंक पृष्ठका है । दूसरे अंकमें कोष्ठकवाला अंक गद्यका है जो कि साधारण संख्याके अनुसार है। ] [अ] अकम्पन ७.(२७).२६७ वाराणसीके राजा अकम्पन ३.(१२).१०१ वज्रजंघका सेनापति अच्युत ६.(६१).२४५ ___भगवान् ऋषभदेवका पुत्र अजितंजय २.(५९).७३ जम्बूद्वीप विदेह क्षेत्र वत्सकावती देशकी सुसीमा नगरीका राजा अजितंजय २.(५३).७१ जयवर्मा और सुप्रभाका पुत्र अजितंजय २.(६०).७४ रत्नसंचय राजधानीके राजा अतिबक १.१८.१३ अलकापुरीका राजा, महाबलका पिता अतिबल २.(५९).७३ घनंजय राजा और यशस्वती रानीका पुत्र नारायण अतिगृध्र ३.(२१).१०४ प्रभाकरपुरीका एक राजा यतिवर का जीव अनन्तवीर्य ६.(६०).२४५ भगवान् वृषभदेवका पुत्र अनन्तमति ३.५४.१३१ धनदेवकी माता अनन्तमति ३.(८६).१२७ सूकरार्य तथा मणिकुण्डलीके जीव वरसेनकी माता अनन्तमति ३.(२९).१०६ आनन्द पुरोहितकी माता अनन्तविजय ६.(५९).२४५ भगवान् वृषभदेवका पुत्र अनुन्दरी २.११७.९५ वज्रबाहुकी पुत्री, वज्रजंघकी बहन अपराजित ३.(५३).१३१ नकुलार्यका जीव अपराजित सेनानी ३.(२९).१०६ अकम्पनके पिता अमयघोष ३.(८०).१२५ एक चक्रवर्ती, मनोरमाके पिता अमिनन्दन २.(५४).७१ एक तीर्थंकर अमिततेज २.११७.९५ वज्रदन्त चक्रवर्तीका पुत्र, श्रीमती का भाई अमृतमति २.(५९).७३ __ अजितंजय राजाका सचिवश्रेष्ठ अरविन्द १.३६.२४ राजा महाबलका पूर्वज अरिंजय १.(६८).३३ चारण ऋद्धिधारी एक मुनि अहंदास १.७४.४७ ग्रन्थकर्ताका नाम [आ] आजीवा ३.(२९).१०६ अकम्पनकी माता आत्मरक्ष ४.(७८).१७३ देवोंका एक भेद Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001712
Book TitlePurudev Champoo Prabandh
Original Sutra AuthorArhaddas
AuthorPannalal Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1972
Total Pages476
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Story, & Literature
File Size12 MB
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