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________________ + खण्ड : सप्तम पूर्ववर्णित द्वादश भावनायें ध्यान की पृष्ठभूमि तैयार करने का महत्त्वपूर्ण कार्य करती हैं। उनके अनुशीलन / परिशीलन से ध्यान योग्य मनोभूमि का निष्पादन होता है । जब ध्यान रूप पादप उस उर्वर मनोभूमि पर अंकुरित हो जाता है तो उसे पोषित तथा संवर्धित करने में मैत्री आदि चार भावनायें बड़ा सहयोग करती हैं। यही कारण है कि ग्रंथकार ने द्वादश भावना के साथ इनका उल्लेख करते हुए ध्यान विषयक उपक्रम के अन्तर्गत इन्हें उपस्थापित किया है। उन्होंने बड़े ही स्पष्ट शब्दों में कहा है कि धर्म ध्यान का उपस्कार करने के लिए अर्थात् त्रुटित ध्यान को पुनः जोड़ने के लिए मैत्री, प्रमोद, कारुण्य और माध्यस्थ्य आदि चार भावनाओं का आत्मा के साथ नियोजन करना चाहिए । जैन धर्म में ध्यान का ऐतिहासिक विकास क्रम उन्होंने लिखा है कि ये भावनायें उत्तम रसायन हैं, दिव्य औषधि हैं जो ध्यान को परिपुष्ट बनाती हैं । 25 संसार का कोई भी प्राणी पापपूर्ण आचरण न करे, दुःखित न बने, समस्त प्राणी दुःखों से विमुक्त हो जायें, छूट जायें, यही मैत्री भावना का स्वरूप हैं। 26 मैत्री के अन्तर्गत ग्रन्थकार ने किसी भी प्राणी के पापिष्ठ न बनने की जो बात कही है वह सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है। जैन और बौद्ध वाङ्मय में उन पुरुषों को कल्याणमित्र कहा गया है जो औरों को पापकार्यों से बचने और धर्मकार्य में लगने की प्रेरणा देते हैं। मित्र हितकांक्षी होते हैं। किसी को पापों से बचाना और पुण्यों से जोड़ना अथवा तदर्थ प्रेरित करना अत्यन्त उज्ज्वल मित्र भाव है, इसकी तुलना में किसी प्राणी के दुःखित होने न होने की बात तो गौण हो जाती है । - प्रमोद भावना में उन्होंने प्रेरित किया है कि साधक त्याग, संयम, साधना एवं तपश्चरण के धनी महापुरुषों एवं ज्ञानीजनों के उत्तमोत्तम गुणी जीवन को देखकर मन में आनन्दित होकर उनका आदर करे 127 प्राणियों के दुःख को दूर करने की प्रेरणा देते हुए कारुण्य भावना का उल्लेख 25. वही, 4.117 26. ast, 4.118 27. वही, 4.119 Jain Education International 17 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001711
Book TitleJain Dharma me Dhyana ka Aetihasik Vikas Kram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUditprabhashreeji
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2007
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Yoga, Religion, & History
File Size9 MB
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