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XI
सादृश्य मूलक अलंकार है। यह सादृश्य शाब्द होता है, अर्थ या व्यंग्य नहीं। इस अलंकार के पुरस्कर्ता भामह हैं। प्राचीन आचार्यों में रुद्रट ने सर्वप्रथम सामान्य-विशेषभाव का समावेश किया तथा इसकी सादृश्यमूलकता स्वीकार की। मम्मट ने इसे और व्यवस्थित किया। रुय्यक ने कारण- कार्य भाव का समर्थन किया और उसके आठ भेद किये। दृष्टान्त औपम्यमूलक है जहाँ पदार्थ विशेष होते हैं जबकि अर्थान्तरन्यास में एक पदार्थ समान्य होता है, एक विशेष।
सहोक्ति सादृश्यमूलक अलंकार है। सहार्थक शब्द के योग से एक शब्द का अनेक अर्थ का बोधक होना सहोक्ति है। इस अलंकार का प्राणभूत तत्त्व अतिशयोक्ति है। भामह ने इस अलंकार का सर्वप्रथम विवेचन किया है। उत्तरकालीन आचार्यों ने उन्हीं का अनुकरण किया है। रुद्रट ने वास्तव तथा औपम्य इन दो वर्गों में सहोक्ति का वर्णन किया है। रुय्यक ने व्याकरणिक आधार की प्रतिष्ठा कर सहोक्ति की औपम्यमूलकता सिद्ध की है। इसमें सभी धर्मी प्रकृत होते हैं, प्रधानधर्मी उपमेय तथा गौणधर्मी उपमान होता है।
ऊर्जस्वि अलंकार की प्रतिष्ठा भामह ने की और उसे परिपुष्ट किया दण्डी, उद्भट, विश्वनाथ आदि आचार्यों ने । यहाँ तेजस्विता तथा अलंकार का उत्कर्ष दिखाया जाता है। यह अर्थालंकार है।
___ अपहृति अलंकार सादृश्यमूलक अभेद प्रधान अलंकार है। अपहृति का अर्थ हैगोपन, निह्नव, निषेध। इसमें प्रकृत का निषेधकर अप्रकृत अर्थात् उपमान की स्थापना की जाती है। भामह इस अलंकार के प्रवर्तक हैं। उन्होंने इसमें किञ्चित सादृश्य या उपमा का रहना आवश्यक माना है। दण्डी ने उसे उपमा का एक भेद माना और फिर उसे स्वतन्त्र अलंकार स्वीकार किया। अपहृति में प्रकृत निषेध होता है जबकि रूपक में प्रकृत का निषेध नहीं होता। व्याजोक्ति गूढार्थप्रतीतिमूलक है। अलंकारदर्पणकार ने यहाँ भामह का अनुकरण किया है।
प्रेमातिशय में प्रिय के अतिशय का वर्णन होता है। दण्डी ने इसे सर्वप्रथम परिभाषित किया है और उसे प्रेयस् अलंकार कहा है। अलंकारदर्पणकार ने दण्ड का ही समर्थन किया है।
उदात्त अलंकार किसी वस्तु की समृद्धि के वर्णन में होता है। यह अतिशयमूलक अलंकार है जिसमें बीज रूप में अतिशयोक्ति विद्यमान रहती है, भले ही वह अतिशयोक्ति से संकुचित हो। काव्यशास्त्र में इसके तीन नाम मिलते हैं- उदात्त (भामह), उदार (भट्टि) तथा अवसर (रुद्रट)। वामन और पण्डितराज के अतिरिक्त सभी आचार्यों ने इसका वर्णन किया है। अलंकारदर्पणकार ने भामह का अनुकरण किया है।
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