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भारतीय संस्कृति में जैन धर्म का योगदान
शौरसेनी जैनागम-द्रव्यानुयोग ६७ षट्खंडागम (धवला टीका स.) भाग १-१६ भूमिका, हिन्दी अनुवाद, ___ अनुक्रमणिका दि. सहित - डॉ. हीरालाल (अमरावती व विदिशा
१६३९-१६५६) ६८ महाबंध-भाग १-७ हिन्दी भूमिका अनुवादादि सहित (भारतीय ज्ञानपीठ
काशी, १९४७-१९५८) ६६ कसाय पाहुड (जय धवला टीका स. ) (जैन संघ मथुरा, १६४४ आदि) ७० कसाय पाहुड- सूत्र और चूणि अनुवादादि सहित (वीरशासन संघ,
कलकत्ता, १९५५) ७१ गोम्मटसार-जीवकाण्ड व कर्मकाण्ड-अंग्रेजी अनुवाद सहित-जे. एल. जैनी
(सेक्रेड बुक्स आफ दि जैन्स. आरा ग्रं. ५, ६, ७) हिन्दी अनु
वाद सहित (रायचन्द्र शास्त्रमाला, बम्बई १९२७-१९२८) ७२ पञ्चसंग्रह (प्राकृत)- संस्कृत टीका व प्राकृत वृत्ति, हिन्दी भूमिका अन
__ वादादि सहित (ज्ञानपीठ, काशी, १९६०) ७३ पञ्चसंग्रह (अमितगति सं.) (मा. ग्रं. बम्बई, १९२७) ७४ पञ्चसंग्रह (चन्द्रर्षि) स्वोपज्ञवृत्ति स. (आगमोदय समिति बम्बई, १९२७)
__ मलयगिरि टीका सहित (जामनगर, १६७८) ७५ कर्मप्रकृति (शिवशर्म)मलयगिरि और यशोवि. टीकाओं सहित (जैनधर्म
प्रसा. सभा, भावनगर) ७६ कर्मविपाक (कर्मग्रंथ १)-पं. सुखलालकृत भूमिका व हिन्दी अनुवाद सहित
(आगरा, १६३६) ७६ कर्मस्तव (कर्मग्रंथ २) -हिन्दी अनुवाद सहित (आगरा १६१८). ७८ बंधस्वामित्व (कर्मग्रन्थ ३) हि. अ. सहित (आगरा, १९२७) ७६ षडशीति (कर्मग्रन्थ ४) पं. सुखलाल कृत प्रस्तावना अनुवादादि सहित
(आगरा, १९२२) ८० शतक (कर्मग्रन्थ ५) प. कैलाशचन्द्रकृत भूमिका व्याख्या सहित (आगरा
१९४२) ८१ सप्ततिका प्रकरण (क. ग्रन्थ ६) पं. फूलचन्द्रकृत प्रस्तावना व्याख्या सहित
(आगरा १९४८) ८२ प्रवचनसार (कुन्दकुन्द)-अमृतचन्द्र व जयसेनकृत संस्कृत टीका, हेमराज
कृत हिन्दी व्याख्या व डॉ. उपाध्ये कृत अंग्रेजी प्रस्तावना अनुवादादि सहित (रायचन्द्र शा. मा. बम्बई; १९३५)
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