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(सात)
चैत्यवृक्ष व स्तूप - २६७, श्री मण्डप - २६७, चैत्य रचना - ३००, जैन चैत्य व स्तूप ३००
जैन गुफाएं बराबर पहाड़ी - ३०६, नागार्जुनी पहाड़ी - ३०७, उदयगिरि खण्डगिरि - ३०७, पभोसा - ३०६, जूनागढ़ - ३०६, विदिशा - ३१०, श्रवणबेलगोला- ३११, उस्मानाबाद - तेरापुर - ३११, सित्तन्नवासल - ३१३, बादामी - ३१३, ऐहोल - ३१४, एलोरा - ३१४, दक्षिण त्रावनकोर - ३१५, अंकाई-टंकाई-३१६, ग्वालियर- ३१७
गंधकुटी - २६७, नगरविन्यास - २६८, मथुरा का स्तूप - ३०३,
जैन मन्दिर निर्माण की शैलियाँ- ३१८, सिद्धक्षेत्र - ३१६, ऐहोल का मेघुटी मन्दिर - ३२०, नागर, द्राविड और केसर शैलियाँ - ३२३, पट्टदकल और हुँवच के मन्दिर - ३२२, तीर्थहल्लि और लकुँडी के मन्दिर - ३२३, जिननाथपुर और हलेवीड के मन्दिर - ३२४, दक्षिण में द्राविड शैली के अन्य जैन मन्दिर - ३२५ पहाडपुर का महाविहार - ३२५, देवगढ़ - ३२७, खजुराहो- ३२८, ग्यारसपुर का जैन मण्डप - ३२६, सोनागिरि और मुक्तागिरि - ३३०, कुंडलपुर और ऊन- ३३१, बडली का स्तम्भखण्ड - ३३२, वर्धमानपुर बदनावर का शान्तिनाथ मन्दिर - ३३२ ओसिया - ३३३, सादड़ी का नौलखा मन्दिर - ३३२, आबू - देलवाड़ा - ३३४, राणकपुर का चतुर्मुखी मन्दिर - ३३७, चित्तौड़ का कीर्ति स्तम्भ ३३८, शत्रुंजय - ३३८, गिरनार - ३३६, जैन मन्दिरों के भग्नावशेष - ३४०, लंका में निर्ग्रथों के देवकुल३४१, जावा का ब्रम्बन मन्दिर पुँज - ३४१
जैन मूर्तिकला - अति प्राचीन जैन मूर्तियां - ३४२, कुषाणकालीन जैन मूर्तियाँ- ३४३, कुछ मूर्तियों का परिचय - ३४४, गुप्तकालीन जैन मूर्तियां- ३४६, तीर्थंकर मूर्तियों के चिन्ह ३४८, धातु की मूर्तियाँ ३५०, बाहुबलि की मूर्तियाँ३५२, चक्रेश्वरी पद्मावती आदि यक्षियों की मूर्तियां ३५४, अम्बिका देवी की मूर्ति - ३५५, सरस्वती की मूर्ति - ३५७, अच्युता या अच्छ्रुप्ता देवी की मूर्ति - ३५ε नैगमेश ( नैमेश) की मूर्ति - ३५६
जैन चित्रकला - चित्रकला के प्राचीन उल्लेख - ३६१, भित्ति-चिः ६३, ताड़पत्रीय चित्र - ३६५, कागज पर चित्र - ३६६, काष्ठ - चित्र - ३७२, व त्र पर चित्रकारी - ३७३ /
उपसंहार
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पृष्ठ ३७५-३७६
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